उत्तराखंड रुद्रप्रयागTungnath and Madmaheshwar Temple opening date 2025

उत्तराखंड: इस दिन खुलेंगे तुंगनाथ बाबा और मद्महेश्वर महादेव के कपाट, तिथि की गई घोषित

उत्तराखंड के चारधाम के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित होने के बाद, अब तुंगनाथ मंदिर और मद्महेश्वर महादेव के कपाट खुलने की तिथि भी घोषित कर दी गई है।

Tungnath temple opening date: Tungnath and Madmaheshwar Temple opening date 2025
Image: Tungnath and Madmaheshwar Temple opening date 2025 (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में स्थित सबसे ऊंचे शिव मंदिर श्री तुंगनाथ के साथ ही द्वितीय केदार बाबा मद्महेश्वर महादेव के भी कपाट खुलने की तिथि घोषित की चुकी है। अब जल्द ही भक्तों के द्वितीय और तृतीय केदार के कपाट को दिए जाएँगे।

Opening Date of Tungnath and Madmaheshwar gates

उत्तराखंड के चारधाम के कपाट खुलने की तिथि निर्धारित होने के बाद, अब तुंगनाथ मंदिर और मद्महेश्वर महादेव के कपाट खुलने की तिथि भी घोषित कर दी गई है। मद्महेश्वर महादेव के शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ के ओंकारेश्वर में पूजा-अर्चना के बाद पंचांग गणना के आधार पर द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट खुलने का शुभ दिन तय किया गया। इसी के साथ, तुंगनाथ बाबा के शीतकालीन निवास मर्करेटेश्वर मंदिर मक्कूमठ में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य विजय भारत मैठाणी ने तुंगनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि भी निर्धारित कर दी है।

2 मई पर तुंगनाथ पहुंचेगी डोली

विश्व के सबसे ऊंचे शिव मंदिर और उत्तराखंड के तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार 2 मई को मिथुन लग्न में सुबह 10:15 बजे पर ग्रीष्मकाल के लिए खोले जाएंगे। तुंगनाथ जी की उत्सव डोली 30 अप्रैल को मार्कंडेय मंदिर से भूतनाथ मंदिर में प्रवास करेगी। उसके बाद 1 मई को भूतनाथ मंदिर से चोपता पहुंचेगी और शुक्रवार 2 मई 2025 की सुबह चोपता से श्री तुंगनाथ मंदिर पहुंचेगी।

वेद ऋचाओं के साथ खुलेंगे कपाट

द्वितीय केदार मदमहेश्वर महादेव मंदिर के कपाट 21 मई 2025 को भक्तों के लिए खोले जाएँगे। आगामी 18 मई को मदमहेश्वर महादेव की की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ ओंकारेश्वर मंदिर में विश्राम करेगी. उनके बाद 19 मई को मदमहेश्वर भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली ओंकारेश्वर मंदिर से रांसी गांव पहुंचेंगी। अगले दिन 20 मई को रांसी गांव से गोंडार गांव और फिर 21 मई की सुबह मदमहेश्वर मंदिर पहुंचेगी। 21 मई को ही मदमहेश्वर धाम के कपाट वेद ऋचाओं के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए जाएंगे।