उत्तराखंड नैनीतालCbi to take charge in poonam panday murder

उत्तराखंड का पूनम पांडे हत्याकांड, अब सीबीआई करेगी हर राज़ का पर्दाफाश

जिस हत्याकांड से उत्तराखंड दहल उठा था, उस हत्याकांड की जांच अब सीबीआई के हाथों में दे दी गई है।

उत्तराखंड: Cbi to take charge in poonam panday murder
Image: Cbi to take charge in poonam panday murder (Source: Social Media)

नैनीताल: लूट और हत्या की इतनी दर्दनाक वारदात आपने शायद ना सुनी होगी और ना ही देखी होगी। एक हंसते खेलते परिवार के साथ ऐसा नृसंश हत्याकांड हुआ कि हर कोई सन्न रह गया। ज्यादा दूर की बात नहीं, ये हल्द्वानी के हरिपुर पूर्णानंद गांव की वारदात है। पहले मां की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बेटी के चेहरे पर घूंसों से प्रहार किया गया और चेहरे पर छर्रा दागा गया। यहां तक कि घर में पालतू कुत्ते को भी जान से मार दिया गया। पहाड़ को दहला देने वाले हल्द्वानी के पूनम हत्याकांड की जांच अब सीबीआई करेगी। इस मामले की जांच में स्थानीय पुलिस और दूसरी एजेंसियां नाकाम रही हैं, जिसके बाद जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी गई। जांच सीबीआई के हाथ में जाते ही सीबीआई सीएफएसएल की टीम रुद्रपुर फोरेंसिक लैब पहुंच चुकी है। सीबीआई की टीम तीन लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट लेने के लिए रुद्रपुर पहुंच चुकी है।

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तीन लोगों में पूनम की बेटी अर्षा भी शामिल है। उम्मीद है पूनम के गुनाहगार जल्द सलाखों के पीछे होंगे। लैब में टीम के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. एके सिंह मृतक पूनम की बेटी अर्षा समेत तीन लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट करेंगे। लैब निदेशक डॉ. दयाल शरण ने बताया कि सीबीआई की टीम 31 जनवरी तक रुद्रपुर में रह कर पॉलीग्राफ टेस्ट लेगी। पूनम हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस की 18 टीमें लगातार कोशिशें कर रही थीं, लेकिन हर बार नाकामी ही हाथ लगी। आइए आपको बताते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या था। बता दें कि पिछले साल 27 अगस्त की रात कुछ बदमाशों ने पूनम पांडेय की धारदार हथियारों से काट कर हत्या कर दी थी। इस दौरान आरोपियों ने घर में लूटपाट भी की। हमले में पूनम की बेटी अर्षा भी गंभीर रूप से घायल हुई थी।

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इस जघन्य हत्याकांड को लेकर पुलिस की पहले ही खूब किरकिरी हो चुकी है। दरअसल पुलिस ने हत्याकांड के जल्द खुलासे का दावा किया था, लेकिन लंबा वक्त बीत जाने के बावजूद पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई। पुलिस ने मृतक के करीबियों पर हमले में शामिल होने का शक जताया था, लेकिन उनके खिलाफ पुलिस सबूत नहीं जुटा सकी। पुलिस ने 1 लाख 20 हजार मोबाइल नंबरों की छानबीन की, 52 संदिग्ध नंबर सर्विलांस पर लगाए। करीब 70 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की....लेकिन पुलिस की 18 टीमें मिलकर भी मामले का खुलासा नहीं कर सकीं। सवाल ये ही है कि आखिर इस जघन्य हत्याकांड के पीछे राज क्या है। अब हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है, उम्मीद है पूनम के गुनहगार जल्द सलाखों के पीछे होंगे।