उत्तराखंड GOOD NEWS FOR UTTARAKHAND AND UP

43 साल के इंतजार के बाद...उत्तराखंड को मिली खुशखबरी, शुरू होगा ‘प्रोजक्ट जमरानी’

43 साल के इंतजार के बाद जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी मिल गई है। प्रधानमंत्री अपने उत्तराखंड दौरे में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर सकते हैं।

उत्तराखंड: GOOD NEWS FOR UTTARAKHAND AND UP
Image: GOOD NEWS FOR UTTARAKHAND AND UP (Source: Social Media)

: उत्तराखंड के लोगों के लिए अच्छी खबर है। 43 साल के इंतजार के बाद जमरानी बांध परियोजना को मंजूरी मिल गई है। इस बांध परियोजना के पूरा होने पर दो राज्यों उत्तराखंड और यूपी को पीने के लिए साफ पानी मिलेगा। सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध होगा। एक खबर के मुताबिक सालों की जद्दोजहद के बाद आखिरकार बांध परियोजना को स्वीकृति मिल ही गई। दिल्ली में हुई केंद्रीय जलायोग की तकनीकी सलाहकार समिति ने बांध परियोजना को मंजूरी दे दी है। अब परियोजना निर्माण के लिए वित्त मंत्रालय की स्वीकृति का इंतजार है। परियोजना के काम के लिए केंद्र सरकार से धनराशि की मांग की गई है। जमरानी बांध परियोजना भाबर की लाइफ लाइन है, इसे स्वीकृति मिलने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकारें हरकत में आ गई हैं। माना जा रहा है कि 14 फरवरी को रुद्रपुर दौरे में पीएम नरेंद्र मोदी इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर सकते हैं। इसके लिए देहरादून सीएम कार्यालय से प्रधानमंत्री कार्यालय को लेटर भेजे जाने की सूचना है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - Video: विदेश में सुपरहिट हुआ ऋषिकेश का 'गंगा बीच', देश में बना नंबर-1...देखिए वीडियो
टीएसी में बांध के सभी तकनीकी पहलुओं के गहन अध्ययन के बाद केंद्रीय जलायोग के अधिकारियों ने परियोजना को मंजूरी दे दी। बजट मिलने के साथ ही बांध के निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। आपको बता दें कि जमरानी बांध परियोजना को साल 1975 में स्वीकृति मिली थी। उस वक्त परियोजना के लिए 61 करोड़ 25 लाख का बजट मिला था, लेकिन परेशानियां तब आनी शुरू हुईं जब परियोजना पर आपत्तियां लगने लगीं। आपत्तियों के निस्तारण में ही सिंचाई विभाग को 43 साल बीत गए। बहरहाल मंजूरी मिलने के साथ ही परियोजना के लिए वित्तीय व्यवस्था की कसरत तेज हो गई है। बांध बनने से यूपी-उत्तराखंड के लोगों को फायदा होगा। 9 किलोमीटर लंबे बांध से 42.7 एमसीएम पानी शुद्ध पेयजल के लिए मिलेगा। इसके साथ ही 14 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। 61 एमसीएम उत्तरप्रदेश को और 38.6 एमसीएम पानी उत्तराखंड को सिंचाई के लिए मिलेगा। बांध निर्माण के लिए 129 प्रभावित परिवारों को विस्थापित किया जाएगा। विस्थापितों को जमीन दी जाएगी, जमीन उपलब्ध ना करा पाने पर सिंचाई विभाग प्रभावितों को मुआवजा देगा।