उत्तराखंड EARTHQWACK IN UTTARKASHI UTTARAKHAND

उत्तरकाशी में 3.1 रिक्टर स्केल का भूंकप...दहशत में लोग..ये बड़े खतरे का संकेत है

उत्तराखंड में लगातार महसूस हो रहे भूकंप के हल्के झटके किसी बड़े खतरे का इशारा तो नहीं...

उत्तराखंड: EARTHQWACK IN UTTARKASHI UTTARAKHAND
Image: EARTHQWACK IN UTTARKASHI UTTARAKHAND (Source: Social Media)

: उत्तरकाशी और उसके आस-पास के इलाकों की जमीन शनिवार को एक बार फिर भूकंप से डोल गई। सुबह करीब साढ़े आठ बजे इलाके में भूकंप के झटके महसूस किए गए, डरे-सहमे लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई, हालांकि भूकंप से जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। भूकंप की तीव्रता कम थी, लेकिन लोग अब भी डरे हुए हैं। भटवाड़ी, असी गंगा घाटी और यमुना घाटी जैसे इलाकों में भूकंप के झटके ज्यादा महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर भटवाड़ी के पास दर्ज किया गया, फिलहाल भूकंप से किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। उत्तरकाशी में इस साल अब तक 4 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं, इससे पहले 13 अप्रैल को भी यहां भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उत्तराखंड का उत्तरकाशी क्षेत्र भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील रहा है। 20 अक्टूबर 1991 में उत्तरकाशी में आए भूकंप की तबाही लोग आज तक नहीं भूल पाए हैं, उस साल आए भूकंप में 8 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, सैकड़ों परिवार बेघर हो गए थे।

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प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील राज्य है, खासकर उत्तरकाशी क्षेत्र में समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस किए जाते रहे हैं, भूगर्भीय दृष्टि से उत्तरकाशी जिला बेहद संवेदनशील जोन-4 व 5 में स्थित है। इस साल उत्तरकाशी में 31 जनवरी को दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए, 13 अप्रैल की रात भी भूकंप आया था, भूकंप का केंद्र उत्तरकाशी था। पहाड़ में लगातार महसूस हो रहे भूकंप के झटके किसी बड़े खतरे के संकेत भी हो सकते हैं। बीती 25 अप्रैल को पिथौरागढ़ के धारचूला में भी हल्की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था, जबकि 21 अप्रैल को बागेश्वर में धरती कांप गई थी। भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ में था। भूकंप से हालांकि जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, फिर भी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।