उत्तराखंड Snow way in kedarnath temple

जय बाबा केदारनाथ: इस बार बर्फीले रास्ते से होकर गुजरेंगे श्रद्धालु

केदार के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को इस बार बर्फीली गलियों से होकर गुजरना पड़ेगा।

उत्तराखंड: Snow way in kedarnath temple
Image: Snow way in kedarnath temple (Source: Social Media)

: चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड तैयार है...7 मई को गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा शुरू हो जाएगी...भगवान भोलेनाथ के 11वें ज्योतिर्लिंग बाबा केदार के दर्शन के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से उत्तराखंड आने वाले हैं। इस बार श्रद्धालुओं के लिए केदारनाथ धाम की यात्रा बेहद खास रहेगी, ऐसा इसलिए होगा क्योंकि भक्त इस बार बर्फीली गलियों के बीच से होकर केदारनाथ पहुंचेंगे। इसके लिए गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली से रुद्रा प्वाइंट तक बर्फ को काटकर रास्ता बनाया गया है। कई जगहों पर तो रास्ते के दोनों तरफ पांच से 12 फीट तक ऊंची बर्फ की दीवारें खड़ी हैं। ये नजारा सचमुच अद्भुत है, साथ ही रोमांचित कर देने वाला भी....प्रशासन और पुलिस इन दिनों धाम में सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता करने में जुटी है, बर्फ से ढके केदारनाथ धाम में बर्फ को काट कर रास्ता तैयार किया गया है। 17 किमी लंबे पैदल मार्ग के लगभग नौ किमी हिस्से में अधिकांश जगहों पर बर्फ को काटकर रास्ता गलियों जैसा बना हुआ है।

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नौ मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा के लिए डीडीएमए द्वारा गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग को इन दिनों आवाजाही के लिए तैयार किया जा रहा है। बता दें कि इस बार केदारनाथ धाम में रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी हुई है। मार्च माह के आखिरी सप्ताह तक मार्ग पर भीमबली से आगे चार से 12 फीट तक बर्फ थी। बीती 24 मार्च से डीडीएमए गुप्तकाशी डिवीजन के 150 मजदूर बर्फ को साफ करते हुए मार्ग को आवाजाही लायक बनाने में जुटे हैं, लेकिन बर्फ को पूरी तरह साफ कर पाना संभव नहीं है, यही वजह है अब प्रशासन तीन से चार फीट बर्फ को काट कर किसी तरह रास्ता बनाने में जुटा है, ताकि रास्ते पर घोड़े-खच्चरों और श्रद्धालुओं की आवाजाही हो सके। पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से रुद्रा प्वाइंट तक अधिकांश क्षेत्र में बर्फ को काटकर आवाजाही के लिए रास्ता तैयार किया गया है। पैदल मार्ग पर भैरव गदेरा, हथनी गदेरा, कुबेर नाला, थारू कैंप, टीएफ चट्टी आदि हिमखंड स्थानों पर स्थिति अब भी खतरनाक है, यहां 8 मई से एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की जाएगी, जो कि श्रद्धालुओं को रास्ता पार कराएंगे। कुल मिलाकर इस बार श्रद्धालुओं को नए केदारधाम के दर्शन होंगे...जो कि उनके लिए यादगार अनुभव होगा।