उत्तराखंड देहरादूनGOOD NEWS FOR UTTARAKHAND VILLAGE

देवभूमि के 192 गांवों के लिए अच्छी खबर...शहरों की तर्ज पर होगा विकास

नगर निकाय में शामिल किए गए 192 गांवों की तस्वीर जल्द बदलने वाली है, इनके विकास के लिए प्रदेश सरकार ने विशेष कार्ययोजना बनाई है..

उत्तराखंड: GOOD NEWS FOR UTTARAKHAND VILLAGE
Image: GOOD NEWS FOR UTTARAKHAND VILLAGE (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में नगर निकाय में शामिल किए गए 192 गांवों की सूरत बदलने वाली है। इन गांवों में एक बार फिर विकास रफ्तार पकड़ेगा। नई और पक्की सड़कें बनेंगी, सीवरेज लाइन बिछेगी, कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी और ये सब करेगी हमारी प्रदेश सरकार...शहरों से सटे इन गांवों के विकास के लिए प्रदेश सरकार गंभीर है। इनकी तस्वीर बदलने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार हो रही है। जल्द ही ये गांव भी शहर की तरह जगमगाने लगेंगे। यहां स्ट्रीट लाइट लगेंगी, पानी की पाइप लाइन बिछाई जाएगी साथ ही सड़कों को भी चमकाया जाएगा। बता दें कि पिछले साल सूबे के 192 गांवों को नगर निकाय की सीमा में शामिल गया गया था, जिसके बाद ये शहरों का हिस्सा बन गए। ये गांव शहर से जुड़ तो गए थे, लेकिन शहर बन नहीं पाए क्योंकि यहां ना तो सड़क थी और ना ही दूसरी सुविधाएं...प्रदेश सरकार इन गांवों की दशा सुधारना चाहती थी, इसके लिए कोशिशें भी हुई लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।

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निकाय चुनाव की आचार संहिता की वजह से गांवों में जो काम हो रहे थे वो भी रुक गए। फिर आ गए लोकसभा चुनाव और सरकारी मशीनरी चुनाव कराने में ही बिजी रह गई, गांव के काम फिर से अटक गए। गांव वाले परेशान थे, पूछ रहे थे कि गांवों में काम ही नहीं कराने थे तो उन्हें नगर निकाय में शामिल क्यों किया, शहर बनाने का सपना क्यों दिखाया। खैर लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद एक बार फिर प्रदेश सरकार को इन गांवों की याद आ गई है। शहरी विकास मंत्री बोल रहे हैं कि जब ये गांव शहर का हिस्सा बने थे, तब संबंधित पंचायत का बजट नगर निकाय को डायवर्ट कर दिया गया था। अब शहरों के इन नए क्षेत्रों के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार हो रही है। उन्होंने दावा किया है कि जल्द ही ये गांव शहर की तरह चमकने लगेंगे। यहां स्ट्रीट लाइट, पेयजल, सीवरेज, स्वच्छता जैसे विषयों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस बारे में विभाग के साथ ही निकायों को निर्देश भी दे दिए हैं। चलो देर से ही सही शासन ने इन गांवों की सुध तो ली, अब तो बस सरकार के किए वादे के पूरे होने का इंतजार है।