उत्तराखंड story of soban singh kaintura of dehradun

देवभूमि के पूर्व फौजी को सलाम..युवाओं को दे रहे मुफ्त ट्रेनिंग, गरीबों के लिए बना रहे हैं शौचालय

पूर्व सैनिक सोबन सिंह कैंतुरा रिटायरमेंट के बाद अपने गांव और अपने गांव के युवाओं के लिए जो कर रहे हैं वो वाकई काबिले तारीफ है...

उत्तराखंड: story of soban singh kaintura of dehradun
Image: story of soban singh kaintura of dehradun (Source: Social Media)

: जीवन में कुछ अच्छा, कुछ सार्थक करने के लिए साधनों की नहीं मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है। इरादे नेक होंगे, मन में सेवा का भाव होगा तो रास्ते अपने आप बनते चले जाएंगे...दून के डोईवाला में रहने वाले एक पूर्व सैनिक इस बात को बखूबी समझते थे। रिटायरमेंट के बाद वो चाहते तो शांति-सुकून से अपनी जिंदगी बिता सकते थे, जैसा कि हममें से ज्यादातर लोग करते हैं। पर उन्होंने अपने लिए कुछ और चुना और अपनी कमाई से उन गरीबों के लिए शौचालय बनाने लगे, जो कि ऐसा कर पाने में असमर्थ थे। सिर्फ इतना ही नहीं वो सेना में जाने के इच्छुक युवाओं के लिए भर्ती पूर्व निशुल्क प्रशिक्षण कैंप भी चलाते हैं। इस दौरान वो युवाओं के लिए गाय का दूध और नाश्ते का प्रबंध अपने दम पर करते हैं। ये हैं चकजोगीवाला गांव में रहने वाले सोबन सिंह कैंतुरा, जो कि पूर्व सैनिक हैं।

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आपको जानकर हैरानी होगी कि सोबन सिंह अब तक 5 गरीब परिवारों के घर में शौचालय बनवा चुके हैं। सोबन सिंह ने हाल ही में मार्कंडेय प्रसाद सेमवाल को 21 हजार रुपए का चेक सौंपा। इस धनराशि से मार्कंडेय प्रसाद घर में शौचालय बनवाएंगे। बात ये है कि दस जून को मार्केंडेय सेमवाल की बेटी की शादी होनी है, वो घर में शौचालय बनाना चाहते थे, पर आर्थिक हालात साथ नहीं दे रहे थे। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण के लिए उन्होंने सरकार को आवेदन भी भेजा था, पर लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण यह स्वीकृत नहीं हो पाया। ये बात जैसे ही सोबन सिंह को पता चली वो मार्कंडेय प्रसाद से मिलने चले आए और उन्हें आर्थिक सहायता दी, ताकि वो घर में शौचालय बना सकें। समाज सेवा का ये जज्बा भी गजब है...आगे पढ़िए

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सोबन सिंह कहते हैं कि टॉयलेट ना होने से शादी में आने वाले मेहमानों को परेशानी होती, साथ ही गांव की छवि पर भी बुरा असर पड़ता। इससे पहले भी सोबन सिंह गांव के ऐसे ही पांच अन्य घरों में भी शौचालय बनवा चुके हैं। हर घर में शौचालय हो यही उनके जीवन का उद्देश्य है। ऐसा करने की प्रेरणा उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से मिली। अब वो लोगों को शौचालय बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जो लोग किसी वजह से ऐसा नहीं कर पाते उनकी आर्थिक मदद भी करते हैं। अब तक वो 6 घरों में शौचालय बनवा चुके हैं और अभी भी मदद करने का हौसला उड़ान भर रहा है। वास्तव में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो समाज के लिए अपनी जी-जान लगा देते हैं। सोबन सिंह कैंतुरा जी की इस पहल को हमारा सलाम