उत्तराखंड देहरादूनtrivendra singh rawat meeting with dm

उत्तराखंड में आपदा से निपटने के लिए तैयार सरकार, जिलाधिकारियों को दिए गए ये निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने आपदा प्रबंधन के लिए जो खास प्लानिंग की है, उम्मीद है उसके अच्छे रिजल्ट देखने को मिलेंगे।

देहरादून: trivendra singh rawat meeting with dm
Image: trivendra singh rawat meeting with dm (Source: Social Media)

देहरादून: आपदा के लिहाज से पहाड़ी राज्य उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। यहां आसमान में बादल गरजते हैं तो लोगों का दिल बैठने लगता है। दूसरे राज्यों में रहने वाले लोगों के लिए मानसून राहत लेकर आता है, लेकिन पहाड़ में मानसून-बारिश के साथ आती है मुसीबत। कब कहां बादल फट जाए, कहां बाढ़ आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। मौसम की सबसे ज्यादा मार यहां के गांवों में रहने वाले लोगों को झेलनी पड़ती है। संचार सेवाएं पहले से ही जीरों हैं, जो नाममात्र की सड़कें हैं वो भी बारिश होते ही ढहना शुरू हो जाती हैं। उत्तराखंड में हर साल यही होता है, पर शुक्र है कि प्रदेश सरकार अब आपदा से निपटने के लिए गंभीर कदम उठा रही है। आपदा के वक्त लोगों को समय पर राहत मिल सके इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। हाल ही में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों को मानसून के दौरान होने वाली संभावित आपदा से निपटने के लिए जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के दौरान होने वाली आपदा के वक्त राहत और बचाव कार्यों के लिए व्यापक तैयारी की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राहत का ऐसा तंत्र विकसित किया जाना चाहिए, जिससे यहां होने वाली जनहानि को रोका जा सके। हेली कंपनियों को भी आपदा के वक्त जनसेवा के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।

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पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली और बागेश्वर के जिलाधिकारियों से यात्रा मार्ग और ट्रैकिंग रूटों पर तुरंत राहत पहुंचाने के लिए योजना बनाने को कहा गया है। सीएम ने कहा कि जिलाधिकारियों को आपदा मद के तहत पर्याप्त बजट दिया गया है। आपदा के वक्त प्रशासन का रिस्पांस टाइम आधे घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए। पीड़ितों को तुरंत राहत मिल सके इसके इंतजाम किए जाने चाहिए। बुधवार को सीएम त्रिवेंद्र ने सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के साथ ही शासन के सभी उच्चाधिकारियों, आयुक्तों और जिलाधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीएम ने जिलाधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा के वक्त आपसी समन्वय से बहुत मदद मिल सकती है। इसके लिए दूरस्थ इलाकों में रेस्क्यू सेंटर और बाढ़ सुरक्षा चौकियां बिना किसी देरी के स्थापित की जानी चाहिए। जिलों में खाद्यान से लेकर गैस के भंडारण की व्यवस्था अग्रिम तौर पर होनी चाहिए, ताकि जरूरत के वक्त इसका इस्तेमाल किया जा सके। बैठक में अपर मुख्य सचिव के साथ ही पुलिस महकमे, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के अधिकारी मौजूद थे।