देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन को पंख लगने वाले हैं। देहरादून-मसूरी रोपवे परियोजना के बाद अब रानीबाग-हनुमानगढ़ नैनीताल को भी रोपवे से जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है। दोनों रोपवे बनने के बाद मसूरी और नैनीताल को लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक दबाव से निजात मिलेगी। पर्यटक भी हवा से बाते करते हुए प्रकृति के खूबसूरत नजारों का दीदार कर सकेंगे। देहरादून-मसूरी के बीच रोपवे सेवा शुरू होने के बाद पर्यटक देहरादून से महज 10 से 12 मिनट में मसूरी पहुंच जाएंगे। 35 किलोमीटर की ये दूरी तय करने में घंटे नहीं, कुछ मिनट ही लगेंगे। दून-मसूरी रोपवे परियोजना का शिलान्यास इसी साल मार्च में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था। गढ़वाल मंडल में इस शानदार योजना की शुरुआत होने जा रही है। इसके साथ ही कुमाऊं की सरोवर नगरी नैनीताल को भी रोपवे सेवा के जरिए रानीबाग से जोड़ा जाएगा। रानीबाग-हनुमानगढ़ी नैनीताल के बीच 11 किलोमीटर की दूरी वाली रोपवे सेवा शुरू होगी। ये दोनों प्रोजेक्ट सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट हैं और सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल हैं।
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नैनीताल-रानीबाग रोपवे सेवा में क्या खास होगा ये भी जान लें। रोपवे सेवा शुरू होने के बाद रानीबाग से नैनीताल तक की दूरी 30 मिनट में तय होगी। नैनीताल ट्रैफिक के दबाव से जूझ रहा है। यहां पार्किंग के लिए जगह भी कम है। रोपवे सेवा शुरू होने के बाद शहर को ट्रैफिक समस्या से निजात मिलेगी। प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। प्रोजेक्ट का जिम्मा पोमा प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। शुक्रवार को रोपवे प्रोजेक्ट के सिलसिले में पर्यटन और संस्कृति सचिव दिलीप जावलकर नैनीताल पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रोजेक्ट पर चर्चा की। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए भूमि चयन और निरीक्षण का काम तेजी से किया जा रहा है। रोपवे के जरिए एक घंटे में एक हजार लोग रानीबाग से नैनीताल का सफर कर सकेंगे। छह महीने के भीतर प्रोजेक्ट का डिजाइन तैयार कर लिया जाएगा। बता दें कि पर्यटन सीजन में मसूरी और नैनीताल आने वाले पर्यटकों को घंटो जाम से जूझना पड़ता है। रोपवे सेवा शुरू होने के बाद दून और नैनीताल में ट्रैफिक का दबाव कम होगा।