उत्तराखंड देहरादूनharak singh rawat elephant face to face

वन मंत्री हरक सिंह रावत को हाथी के सामने छोड़कर भागे सुरक्षाकर्मी, जोड़ने पड़े हाथ

हाल ही में मंत्री हरक सिंह रावत के साथ जो हुआ वो सुन आप भी हैरान रह जाएंगे, सुरक्षाकर्मियों पर से आपका भरोसा उठ जाएगा...

उत्तराखंड न्यूज: harak singh rawat elephant face to face
Image: harak singh rawat elephant face to face (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के माननीयों की सिक्योरिटी का जिम्मा उत्तराखंड पुलिस के जवानों पर है। नेता जी के लाव लश्कर में ये जवान रौब से सिर ऊंचा कर चलते हैं, पर अगर नेता जी की जान पर बन आए, तो मैदान छोड़कर भागने वालों में भी सबसे अव्वल यही होते हैं। हाल ही में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने एक कार्यक्रम में खुद से जुड़ा ऐसा ही किस्सा सुनाया। हरक सिंह कोटद्वार के विधायक हैं, प्रदेश सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा भी पा गए हैं। उनकी छवि एक दबंग नेता की है, पर कुछ दिन पहले उनके साथ कुछ ऐसा हो गया, कि उन्हें अपनी जान बचाने के लिए हाथ तक जोड़ने पड़े। अब आपका अगला सवाल होगा कि सामने ऐसा कौन था, जिसके सामने मंत्री जी का रुतबा भी नहीं चला। ये था एक हाथी। कुछ वक्त पहले जब हरक सिंह रावत कोटद्वार जा रहे थे, तो उनके काफिले के ठीक सामने एक हाथी आ खड़ा हुआ। हाथी को देख फ्लीट में मौजूद सभी गाड़ियां रुक गईं। हाथी आगे बड़ा तो पुलिस की गाड़ी में मौजूद सुरक्षाकर्मी और गाड़ी का ड्राइवर वहां से भाग गए।

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पुलिसकर्मी भागने लगे तो मंत्री का ड्राइवर कैसे नहीं भागता। उसने भी मंत्री जी को वहीं छोड़ दिया और लगा भागने। हरक सिंह रावत सुरक्षाकर्मियों को उनकी ड्यूटी याद दिलाते रह गए और इतने में हाथी और करीब आ गया। डर के मारे मंत्री जी की भी घिग्घी बंध गई। वो भगवान को याद करने लगे। आंखें बंद कर ली और हाथ जोड़ लिए, उनकी ये हालत देख शायद गजराज का दिल भी पसीज गया। उसने मंत्री जी की गाड़ी को नुकसान नहीं पहुंचाया और टहलता हुआ वहां से निकल गया। हाल ही में मंत्री हरक सिंह रावत ने विश्व हाथी दिवस के मौके पर हुए एक कार्यक्रम में ये आपबीती सुनाई। उन्होंने इस बात को हंसी में उड़ा दिया, पर ये घटना सुरक्षाकर्मियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करती है। खतरे के समय जिन सुरक्षाकर्मियों पर माननीयों की रक्षा का दायित्व होता है, वो ही अपनी जिम्मेदारी से भागने लगें, तो फिर कैसे चलेगा। ये घटना एक आपबीती से ज्यादा सबक है, उन लोगों के लिए जो अपनी सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मियों पर निर्भर रहते हैं। कैबिनेट मिनिस्टर हरक सिंह के साथ जो हुआ, वो किसी के भी साथ हो सकता है। इसीलिए हम यही सलाह देंगे कि अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद लें।