: पंचायत चुनाव सिर पर हैं, पर दो से ज्यादा बच्चे वाले प्रत्याशियों को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, पर यहां भी निराशा हाथ लगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्थगनादेश नहीं दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को तगड़ा झटका लगा है, पर उन प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है, जिनकी दो से ज्यादा संतानें हैं। ये लोग ग्राम प्रधान, उप प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के पद पर चुनाव लड़ सकेंगे। राज्य सरकार का आदेश 25 जुलाई 2019 के बाद से लागू माना जाएगा। आपको बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने अपने आदेश में 25 जुलाई 2019 को कट ऑफ डेट माना था। इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, आपको ये भी जानना चाहिए।
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राज्य सरकार ने पंचायतराज एक्ट में संशोधन कर दो से ज्यादा संतान वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया था। इसके खिलाफ पंचायत जनाधिकार मंच के प्रदेश संयोजक समेत 21 लोगों ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर कर पंचायत राज एक्ट में संशोधन को चुनौती दी थी। नैनीताल हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की और संसोधन को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 नियत कर दी। हाईकोर्ट का फैसला याचिकाकर्ताओं के हक में गया, दो से ज्यादा संतान वाले प्रत्याशी चुनाव लड़ने के योग्य हो गए। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की स्थगनादेश की अपील को नहीं माना। अब दो से ज्यादा संतान वाले लोग ग्राम प्रधान, उप प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के पद पर चुनाव लड़ सकेंगे। उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र जमा करने शुरू कर दिए हैं। शपथपत्र में उम्मीदवार ये भी लिख रहे हैं कि उनकी तीसरी संतान 25 जुलाई 2019 से पहले हुई है।