उत्तराखंड चम्पावतIntelligence caught seven youths with fake documents in army recruitment

उत्तराखंड: आर्मी भर्ती में फर्जी दस्तावेजों के साथ पहुंचे यूपी-हरियाणा के युवक, 7 धरे गए

हरियाणा और यूपी के 7 युवक फर्जी दस्तावेज लेकर सेना में भर्ती होने आए थे, पर उनकी जुगाड़बाजी काम नहीं आई...

Champawat: Intelligence caught seven youths with fake documents in army recruitment
Image: Intelligence caught seven youths with fake documents in army recruitment (Source: Social Media)

चम्पावत: सरकारी नौकरी पाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते। कुछ लोग कड़ी मेहनत कर नौकरी हासिल करते हैं, तो वहीं ऐसे लोग भी हैं जो कि शॉर्टकट के जरिए सब हासिल कर लेना चाहते हैं। चंपवात में सेना भर्ती में हिस्सा लेने आए 7 युवक भी इसी इरादे से आए थे। सोचा फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए सेना में भर्ती हो जाएंगे। एक बार सेना में एंट्री हो गई, तो फिर सर्टिफिकेट की कौन पूछेगा, पर ऐसा हुआ नहीं। मिलिट्री इंटेलिजेंस यानि एमआई ने सातों युवकों को फर्जी दस्तावेजों के साथ धर लिया। यही नहीं फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का सरगना भी पुलिस के कब्जे में है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। अब खबर डिटेल में जानते हैं। मंगलवार को चंपावत के बनबसा में सेना की भर्ती चल रही थी। इसी बीच मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) को सूचना मिली की यूपी-हरियाणा के 7 युवक फर्जी दस्तावेज लेकर भर्ती में आए हैं। जांच हुई तो सातों युवक पकड़ में आ गए। सख्ती से पूछताछ के बाद आरोपियों ने उस आदमी के बारे में भी बताया, जिसने उन्हें फर्जी दस्तावेज मुहैया कराए थे।

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पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत तीन लोगों को बनबसा में ही पकड़ लिया। आरोपियों के पास से यूपी के हाईस्कूल-इंटर और बागेश्वर जिले की तहसीलों के फर्जी निवास पत्र बरामद हुए। आरोपियों में दीपक भाटी (30), जगदीश भाटी (22), प्रमोद कुमार (20), पंकज कुमार (22), लोकेश चौहान (20) कुणाल चौधरी (20) और अनुज रावत (23) रावत शामिल हैं। पकड़े गए युवक हरियाणा और यूपी के रहने वाले हैं। फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाला सरगना भी अपने दो साथियों संग पकड़ा गया। गिरोह का सरगना महेंद्र सिंह है, जो कि यूपी के बुलंदशहर का रहने वाला है। उसके साथी संदीप और मुकेश भी पुलिस की गिरफ्त में हैं। पकड़े गए युवकों ने बताया कि उम्र ज्यादा होने की वजह से वो सेना में भर्ती नहीं हो सकते थे इसीलिए उन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार कराए। आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज हुआ है, पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं।