देहरादून: होमगार्ड्स के जवान पुलिस के जवानों की तरह मुस्तैदी से ड्यूटी करते हैं, जहां पुलिसकर्मी कम पड़ते हैं, वहां होमगार्ड्स की मदद ली जाती है। इसके बावजूद होमगार्ड्स को पुलिस के सिपाही के समान वेतन नहीं मिलता। अब होमगार्डस् की ये शिकायत जल्द दूर होने वाली है। प्रदेश के होमगार्ड्स को पुलिस के सिपाही के समान वेतन दिए जाने का रास्ता जल्द साफ होने की संभावना है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल से राय लेकर आगे आगे की कार्यवाही करने का फैसला लिया है। कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने समान काम के लिए समान वेतन दिए जाने की सिफारिश की थी। उत्तर प्रदेश में ये व्यवस्था अमल में लाई जा चुकी है, जिसके बाद उत्तराखंड के होमगार्ड्स को भी पुलिस के सिपाही के समान वेतन मिलने की उम्मीद बंधी है। शासन ने होमगार्ड्स को पुलिस के सिपाही के समान वेतन देने की व्यवस्था पर काम शुरू कर दिया है।
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वित्त विभाग ने इसका परिक्षण करने के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की। आपको बता दें कि इस वक्त प्रदेश में अलग-अलग विभागों में साढ़े छह हजार से ज्यादा होमगार्ड्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। पुलिस महकमे से लेकर, संचार-परिवहन, सचिवालय तक में होमगार्ड्स की तैनाती है। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही इनसे अनुसेवकों का काम भी लिया जाता है, पर मानदेय बेहद कम है। होमगार्ड्स को 450 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय मिलता है। होमगार्ड्स ने पुलिस की तरह समान कार्य करने के लिए समान वेतन की मांग करते हुए कोर्ट की शरण ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उत्तराखंड समेत अन्य राज्य तय समय सीमा के भीतर समान वेतन देने के फैसले का अनुपालन करें। अब इस मामले में कानूनी राय के लिए अटॉर्नी जनरल को पत्र भेजा जाएगा। उसके बाद ही नई व्यवस्था लागू होगी। अब तक होमगार्ड्स को प्रतिदिन 450 रुपये मानदेय मिल रहा है, नई व्यवस्था लागू होने पर उन्हें हर दिन 670 रुपये मानदेय मिलेगा।