उत्तराखंड देहरादूनBjp stance on undisciplined officials 90 officials expelled from party

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव से ठीक पहले बड़ी खबर, BJP के 90 पदाधिकारी पार्टी से निष्कासित

बीजेपी प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ जाने वाले 90 पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है...पढ़ें पूरी खबर

Panchayat Election: Bjp stance on undisciplined officials 90 officials expelled from party
Image: Bjp stance on undisciplined officials 90 officials expelled from party (Source: Social Media)

देहरादून: पंचायत चुनाव से ठीक पहले बीजेपी प्रदेश नेतृत्व पार्टी के भीतर सफाई अभियान में जुटा हुआ है। जो लोग पार्टी के फैसले के खिलाफ जा रहे हैं, उन्हें पार्टी से हटाया जा रहा है। कुछ दिन पहले बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने 40 पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं की लिस्ट जारी कर अपने इरादे जता दिए थे। इन 40 लोगों के खिलाफ हुई अनुशासनात्मक कार्यवाही को जिन बागी पदाधिकारियों ने हल्के में लिया, अब उनका भी पत्ता कट गया है। बीजेपी ने 50 बागी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए, इन्हें पार्टी से हटा दिया है। इस तरह 11 जिलों से अब तक कुल 90 पदाधिकारी-कार्यकर्ता हटाए गए हैं। जिन बीजेपी कार्यकर्ताओं को हटाया गया है, उनका कसूर क्या था ये भी बताते हैं। दरअसल ये वो पदाधिकारी हैं, जो पार्टी के फैसले से नाराज थे।

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जिन्हें टिकट नहीं मिला, वो पदाधिकारी नाराज होकर खुद ही मैदान में चुनाव लड़ने निकल गए हैं। कुछ पदाधिकारी-कार्यकर्ता ऐसे भी हैं, जो भले ही चुनाव ना लड़ रहे हों, लेकिन भीतर ही भीतर पार्टी विरोधियों से मिले हुए हैं। विरोधी पार्टी के प्रत्याशियों को सपोर्ट कर रहे हैं। ऐसे पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं को बीजेपी ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। 40 पदाधिकारी पहले ही नप गए थे और अब 50 अन्य पदाधिकारियों को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया है। चलिए अब आपको बताते है कि किस जिले के कितने कार्यकर्ता-पदाधिकारियों को पार्टी से बाहर किया गया। नैनीताल में 9, पिथौरागढ़ में 4, अल्मोड़ा में 12, बागेश्वर में 6, टिहरी में 14, पौड़ी में 4, उत्तरकाशी में 2, देहरादून में 2, चंपावत में 5, ऊधमसिंहनगर में 18 और चमोली में 13 बागी कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने भीतरघातियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद अनुशासनहीनता के चलते बागियों को पार्टी से बाहर कर दिया गया।