उत्तराखंड देहरादूनJageshwar dham will become India’s first spiritual eco zone

जय देवभूमि: देश का पहला आध्यात्मिक इको जोन बनेगा जागेश्वर धाम, जानिए प्रोजेक्ट की खास बातें

प्रदेश सरकार विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर धाम को देश के पहले आध्यात्मिक इको जोन के रूप विकसित करेगी, प्रोजेक्ट तैयार है...

India’s first spiritual eco zone: Jageshwar dham will become India’s first spiritual eco zone
Image: Jageshwar dham will become India’s first spiritual eco zone (Source: Social Media)

देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड में ईश्वरत्व का वास माना जाता है, ये भूमि हजारों साल से साधु-संतों की तपस्थली रही है, हर साल लाखों श्रद्धालु आध्यात्मिक सुकून की तलाश में उत्तराखंड आते हैं। अब उत्तराखंड के खाते में एक और उपलब्धि दर्ज होने वाली है। अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम में देश का पहला आध्यात्मिक इको जोन बनेगा। स्प्रिचुअल जोन बनाने का प्रस्ताव तैयार है। आध्यात्मिक इको जोन के दायरे में जागेश्वर धाम के आस-पास का 10 किलोमीटर क्षेत्र शामिल किया जाएगा। सरकार की योजना के मुताबिक इस आध्यात्मिक धार्मिक नगरी के 10 किलोमीटर के दायरे में यह विशेष जोन विकसित किया जाएगा। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश सरकार को उत्तराखंड में आध्यात्मिक इको जोन विकसित करने का सुझाव दिया था। इस सुझाव पर अमल करते हुए प्रदेश सरकार देश का पहला स्प्रिचुअल इको जोन डेवलप करने जा रही है। जिसके लिए अल्मोड़ा के जागेश्वर धाम को चुना गया है।

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जल्द ही इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी, जिसमें योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। जागेश्वर धाम के आध्यात्मिक इको जोन बनने से क्या-क्या फायदे होंगे, ये भी बताते हैं। यहां आध्यात्मिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे राजस्व बढ़ेगा। योग, ध्यान, पंचकर्मा और वेलनेस को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के अवसर विकसित होंगे। पिछले दिनों दून में हुए इन्वेस्टर समिट के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रदेश में स्प्रिचुअल इको जोन विकसित करने का सुझाव दिया था, उन्होंने कहा था कि प्रदेश में इस तरह के केंद्र विकसित किए जाने चाहिए, जो विश्व को आध्यात्मिक ऊर्जा दे सकें और आध्यात्मिकता के केंद्र बन सकें । इस सुझाव को प्रदेश सरकार ने अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। जागेश्वर धाम 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है, जहां पर 125 मंदिरों का समूह है। इन मंदिरों का निर्माण कत्यूरी राजाओं ने कराया था। अब प्रदेश सरकार इसे स्प्रिचुअल इको जोन बनाने जा रही है।