उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल240 merino sheep arrives Uttarakhand from australia

घनसाली में पलेंगी ऑस्ट्रेलिया की 240 'मेरिनों भेड़', अब ऊन से करोड़ों का कारोबार करेंगे किसान

उत्तराखंड ने भेड़ों के नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत ऑस्ट्रेलिया से 240 मेरिनों भेड़ों का आयात किया है, जिनसे अच्छी क्वालिटी की ऊन मिलेगी...

merino sheep: 240 merino sheep arrives Uttarakhand from australia
Image: 240 merino sheep arrives Uttarakhand from australia (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: प्रदेश सरकार पशुपालन और कृषि को बढ़ावा देने के लिए नई-नई योजनाएं चला रही है। इन योजनाओं का फायदा प्रदेश के काश्तकारों को मिल रहा है। इसी कड़ी में उत्तराखंड ने ऑस्ट्रेलिया से 240 मेरिनों भेड़ का आयात किया है। जिसका उद्देश्य प्रदेश में भेड़ों की नस्ल का सुधार करना और ऊन का उत्पादन बढ़ाना है। आस्ट्रेलिया से आयात की गई भेड़ों को राजकीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र कोपडधार में रखा जाएगा। जो कि टिहरी के घनसाली में है। प्रदेश को ये विदेशी भेड़ें राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत मिली हैं। प्रदेश में भेड़ों के नस्ल सुधार कार्यक्रम से भेड़ पालकों को काफी फायदा होगा। पहाड़ों में रहने वाली बड़ी आबादी अब भी पशुपालन और खेती पर ही निर्भर है। भेड़ों के नस्ल सुधार कार्यक्रम से उन्हें उच्च गुणवत्ता की ऊन मिलेगी।

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देहरादून में हुए एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया से मेरिनों भेड़ों का आयात करना पशुपालन के क्षेत्र में क्रांतिकारी और प्रगतिशील कदम है। इन भेड़ों से अच्छी क्वालिटी की ऊन मिलेगी। ऊन की मात्रा भी बढ़ेगी। इस तरह किसानों का आर्थिक विकास होगा। पशुपालन घाटे का सौदा नहीं रह जाएगा। उत्तराखंड में ही विदेशी भेड़ों से अच्छी क्वालिटी की ऊन मिलने से विदेशी ऊन पर निर्भरता कम होगी। इस वक्त देश में 95 प्रतिशत ऊन का आयात ऑस्ट्रेलियन मेरिनों भेड़ का होता है। मेरिनों भेड़ से राज्य के भेड़ पालकों को उच्च गुणवत्ता के नर मेढ़ें उपलब्ध होगें। आपको बता दें कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत तीन पर्वतीय राज्यों के लिए भेड़ों के आयात की स्वीकृति मिली थी। इन राज्यों में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं। उत्तराखंड को 40 नर और 200 मादा मेरिनों भेड़ मिली हैं। जिनकी कीमत 8.80 करोड़ रुपये है।