देहरादून: पहाड़ों की रानी मसूरी...लगातार हो रही बर्फबारी ने इस जगह की खूबसूरती बढ़ाई है, साथ ही परेशानी भी। आपदा के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। मौसम यहां कब कहर बरपाने लगे, कहां भूस्खलन हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। रविवार रात भी ऐसा ही हुआ। वीकएंड पर हजारों पर्यटकों का सैलाब मसूरी आया हुआ था, लेकिन ये वीकएंड ट्रिप उनके लिए बुरा अनुभव साबित हुई। मसूरी में शुक्रवार से बर्फबारी हो रही थी। शनिवार को भी उम्मीद से ज्यादा बर्फ गिरी। बर्फ देखने के लिए लोग उमड़ पड़े। दिल्ली-मेरठ और देहरादून के लोग सीधे मसूरी पहुंच गए, पर यहां उन्हें जिस खतरनाक अनुभव का सामना करना पड़ा। उसके बारे में उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था। दो-तीन दिन से जारी बर्फबारी की वजह से रास्तों में बर्फ जमी थी। कई-कई घंटे जाम लगा रहा। इसी दौरान मसूरी-सुवाखोली रोड पर हालात बेकाबू हो गए। बर्फबारी की वजह से सैकड़ों लोग सड़क पर फंस गए। हालात बिगड़ते देख प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए। जब प्रशासन बेबस हुआ, तब आईटीबीपी के जवान देवदूत बनकर सामने आए और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। रातभर चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान आईटीबीपी ने सड़क पर फंसे चार सौ से ज्यादा लोगों की जान बचाई।
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बाद में सड़कें साफ की गईं। ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया, तब कहीं जाकर हालत पर काबू पाया जा सका।
सुवाखोली-मसूरी रोड पर फंसे लोगों ने आईटीबीपी के जवानों को दिल से धन्यवाद दिया। सुवाखोली-मसूरी रोड पर आईटीबीपी का रेस्क्यू अभियान अब भी जारी है।