उत्तराखंड चम्पावतUttarakhand soldiers rahul martyred in pampore-pulwama encounter

उत्तराखंड शहीद राहुल रैंसवाल..2 साल पहले हुई शादी, 8 महीने की बेटी को बिलखता छोड़ चले गए

राहुल रैंसवाल हमारे बीच होते तो अपनी नन्हीं बेटी को बड़ा होता देख पाते, उसे जीवन का सफर तय करने की सीख दे पाते, पर अफसोस कि अब नन्हीं बिटिया का जीवन पिता की छांव के बिना ही बीतेगा...

शहीद राहुल रैंसवाल: Uttarakhand soldiers rahul martyred in pampore-pulwama encounter
Image: Uttarakhand soldiers rahul martyred in pampore-pulwama encounter (Source: Social Media)

चम्पावत: उत्तराखंड एक बार फिर शोक में डूबा है। पहाड़ के एक और लाल ने उत्तराखंड की सैन्य परंपरा का निर्वहन करते हुए देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। चंपावत के रहने वाले 25 साल के राहुल रैंसवाल पुलवामा के अवंतीपुरा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। जवान के घर पर मातम पसरा है। राहुल की उम्र अभी सिर्फ 25 साल थी। जिस उम्र में ज्यादातर युवा अपने करियर की शुरुआत करते हैं, उस उम्र में राहुल ने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया। जवान राहुल रैंसवाल की शादी को अभी सिर्फ दो साल ही हुए थे। 8 महीने पहले ही घर में नन्हीं बेटी का जन्म हुआ था। परिवारवाले खुश थे, लेकिन खुशियों को किसी की नजर लग गई। राहुल के जीवन में अभी कितना कुछ होना बाकी था। राहुल हमारे बीच होते तो अपनी नन्हीं बेटी को बड़ा होता देख पाते, उसे जीवन का सफर तय करने की सीख दे पाते, पर अफसोस कि अब नन्हीं बिटिया का जीवन पिता की छांव के बिना ही बीतेगा। जब से जवान की शहादत की खबर घर पहुंची है, पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। कभी वो खुद को कोसती है तो कभी भगवान को। अभी दो साल पहले ही तो वो राहुल की जीवनसंगीनी बनकर उनके घर आई थी। नए जीवन की शुरुआत ही हुई थी कि एक झटके में सबकुछ खत्म हो गया। परिवार बिखर गया। राहुल रैंसवाल का परिवार तल्लादेश के रियासीबमन गांव में रहता है। वो 50 आरआर में जम्मू में तैनात थे। मंगलवार को पंपोर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में राहुल रैंसवाल शहीद हो गए। शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार को उनके पैतृक गांव पहुंचेगा। जहां सैन्य सम्मान के साथ शहीद की अंत्येष्टि की जाएगी।
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