उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालUttarakhand first residential school will open in jaiharikhal

पहाड़ के लिए खुशखबरी...जयहरीखाल में खुलेगा उत्तराखंड का पहला रेसिडेंशियल स्कूल

पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल में खुलने वाला आवासीय स्कूल प्रदेश में अपनी तरह का पहला स्कूल होगा, जिसमें बच्चे कक्षा 6 से दाखिला ले सकेंगे। इस संबंध में शासनादेश जारी हो गया है।

Jaiharikhal: Uttarakhand first residential school will open in jaiharikhal
Image: Uttarakhand first residential school will open in jaiharikhal (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: पहाड़ के लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब वो अपने नौनिहालों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने का सपना पूरा कर सकेंगे। पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल में आवासीय स्कूल खुलने जा रहा है। ये स्कूल प्रदेश में अपनी तरह का पहला आवासीय स्कूल होगा, जिसमें छात्रों को अध्ययन संबंधी हर सुविधा मिलेगी। स्कूल एक स्वायत्तशासी संस्था होगी। इसकी आमसभा के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी शिक्षा मंत्री निभाएंगे। छात्र इस स्कूल में कक्षा 6 से एडमिशन ले सकेंगे। स्कूल में सौ सीटें होंगी, जिसमें से 85 सीटें उत्तराखंड के बच्चों के लिए रिजर्व रहेंगी। गुरुवार को शासन ने इसका शासनादेश जारी कर दिया। स्कूल में अकादमिक और आवासीय भवन खंडों की मरम्मत और बुनियादी सुविधाओं के विकास की जिम्मेदारी हंस फाउंडेशन को दी गई है। आगे जानिए इस स्कूल के बारे में खास बातें

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - डीएम मंगेश घिल्डियाल की मेहनत रंग लाई, रुद्रप्रयाग में 3 जगहों पर शुरू होगी पैराग्लाइडिंग
हंस फाउंडेशन और सरकार के बीच इसके लिए एमओयू साइन हो चुका है। जिसके अनुसार फाउंडेशन और सरकार 60:40 की दर से वित्तीय भार वहन करेंगे। स्कूल के संचालन और रखरखाव के लिए राज्य सरकार द्वारा वार्षिक बजट का प्रावधान किया जाएगा। हंस फाउंडेशन स्कूल का एनजीओ पार्टनर है, इसलिए सुविधाओं के विस्तार में हंस फाउंडेशन की मदद भी ली जाएगी। स्कूल में एडमिशन के लिए उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर नैनीताल द्वारा प्रत्येक सत्र से पहले जनवरी महीने में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। एंट्रेंस एग्जॉम में कक्षा 5 में पढ़ रहे बच्चे शामिल होंगे। हर कक्षा में 25 छात्रों का एक अनुभाग होगा। एंट्रेंस एग्जॉम के जरिए 100 छात्रों का अंतिम चयन किया जाएगा। कर्मचारियों और शिक्षकों का चयन स्कूल की कार्यकारी समिति करेगी। प्रिंसिपल और शिक्षकों का चयन ऑल इंडिया स्तर पर पूर्ण पारदर्शिता से किया जाएगा। कुल मिलाकर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में ये आवासीय स्कूल मील का पत्थर साबित होगा। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।