उत्तराखंड देहरादून2210 schools in Uttarakhand are in dilapidated condition

उत्तराखंड के 2210 स्कूलों में शिक्षा की स्थिति बेहद खराब, 908 में टॉयलेट तो 130 में पीने का पानी तक नहीं

उत्तराखंड शिक्षा विभाग के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की संख्या कुल 15,873 है। जिनमें से 2210 स्कूलों की स्थिति खराब है....

Health Department: 2210 schools in Uttarakhand are in dilapidated condition
Image: 2210 schools in Uttarakhand are in dilapidated condition (Source: Social Media)

देहरादून:

18 स्कूलों की बेहद खराब स्थिति

उत्तराखंड में मानसून के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन, टूट-फूट आदि की समस्याओं से जूझना पड़ता है। ऐसे में आज भी राज्य में लगभग 2210 स्कूलों की स्थिति बेहद खराब है। मॉनसून के दौरान इन स्कूलों की छतें गिरने, दीवारें गिरने और कक्षा के कमरों में पानी टपकने जैसी समस्याएं देखी जाती हैं। जिस कारण मानसून आते ही इन स्कूलों में पड़ने वाले बच्चों और उनके माता-पिता की चिंताएं बढ़ जाती हैं।

2210 schools in Uttarakhand are in dilapidated condition

उत्तराखंड शिक्षा विभाग के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की संख्या कुल 15,873 है। जिनमें से 2210 स्कूलों की स्थिति खराब है। पौड़ी गढ़वाल में जीर्ण-शीर्ण स्कूलों की संख्या सबसे अधिक (330) है। वहीं, चंपावत जनपद जीर्ण-शीर्ण स्कूलों की संख्या सबसे कम (90) है। उत्तराखंड में स्थित 2210 स्कूलों की स्थिति अत्यंत खराब है, वहीं कई ऐसे स्कूल भी हैं जिनमें बाउंड्री वॉल, लड़कों के टॉयलेट, लड़कियों के टॉयलेट और पानी की सुविधा नहीं है। आकड़ों के अनुसार उत्तराखंड के 3691 स्कूलों में बाउंड्री वॉल नहीं है, 547 स्कूलों में लड़कों के टॉयलेट, 361 स्कूलों में लड़कियों के टॉयलेट और 130 स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा नहीं है।

18 स्कूलों की बेहद खराब स्थिति

माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत संचालित स्कूलों को श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। डी श्रेणी में शामिल स्कूलों की स्थिति बहुत खराब है। हालांकि, प्रदेश में केवल 18 स्कूल ऐसे हैं जिनकी स्थिति बहुत खराब मानी जा रही है। इस स्थिति को सुधारने के लिए सभी स्कूलों को ठीक करने की प्रक्रिया जारी है। विभाग ने 6 स्कूलों की डीपीआर तैयार करने के साथ ही बजट भी जारी कर दिया गया है। सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि मॉनसून सीजन में छात्रों को ऐसे कमरे में ना बैठाया जाए जिसकी स्थिति जर्जर है।

विद्यालयों का मरम्मत कार्य

राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान के अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला ने जानकारी दी कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत पिछले वर्ष 255 स्कूलों की मरम्मत की गई। साथ ही, प्राथमिक शिक्षा के 70 स्कूलों और अपर प्राथमिक शिक्षा के 14 स्कूलों का पुनर्निर्माण किया गया है। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में 330 कमरे बनाए गए हैं। इस वर्ष भी प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में 190 कमरों के निर्माण का प्रस्ताव है। यदि प्रदेश के किसी भी खराब स्कूल की जानकारी अधिकारियों के ध्यान में आती है, तो उसे सुधारने का कार्य किया जाएगा।