उत्तराखंड नैनीतालEarthquake in nainital district

बड़ी खबर: उत्तराखंड में लॉकडाउन के बीच भूकंप के झटके

एक बड़ी खबर आ रही है। उत्तराखंड के नैनीताल में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

नैनीताल भूकंप: Earthquake in nainital district
Image: Earthquake in nainital district (Source: Social Media)

नैनीताल: उत्तराखंड भूकंप की दृष्टि से ज्यादा महफूज़ प्रदेश नहीं है। बार बार वैज्ञानिक यहां बड़े भूकंप की आशंका जाहिर कर चुके हैं। बुधवार को देर रात उत्तरांड के नैनीताल जिले में भूकंप के झकटे महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि बीती रात 10 बजकर 20 मिनट पर यहां भूकंप का झटका महसूस किया गया है। अब आपो बताते हैं कि इसकी तीव्रता कितनी थी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मैग्निट्यूट मापी गई है। कम तीव्रता थी, इसलिए ज्यादातर लोगों को भूकंप का अहसास नहीं हुआ। भूकंप से किसी नुकसान की कोई खबर नहीं है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में इससे पहले आठ फरवरी को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर समेत कई हिस्सों उस दौरान भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। बाउस दौरान भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 आंकी गई।
उससे भी पहले 1 जनवरी को पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भूकंप का झटके महसूस हुए थे। उस दौरान भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.1 थी। आगे जानिए भूकंप को लेकर वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड के लिए क्या चेतावनी दी है। यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में बड़ा भूकंप आने के संकेत, दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने जताई गहरी चिंता
भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। यहां जमीन के भीतर हो रही हलचल के नतीजे अक्सर सामने आते रहते हैं। कुछ वक्तपहले चमोली में भूकंप के झटके महसूस किए गए और फिर पिथौरागढ़ में धरती डोल गई। भूकंप से इन इलाकों में कोई नुकसान नहीं हुआ। पर अगर आप ये सोच रहे हैं कि खतरा टल गया है, तो संभल जाइए। क्योंकि वैज्ञानिकों का कहना है कि जल्द ही उत्तराखंड में बड़ा भूकंप आ सकता है। पिछले चार साल की बात करें तो उत्तराखंड में 77 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। 95 फीसदी भूकंप के झटके उत्तराखंड की महज चार जगहों पर केंद्रित रहे। ये जिले हैं उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़। वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र के भूगर्भ में बड़ी भूकंपीय ऊर्जा जमा हो रही है। ये ऊर्जा केवल 4 जगहों से ही बाहर निकल रही है, इसीलिए इन जगहों पर लगातार भूकंप के झटके आ रहे हैं। चिंता की बात ये है कि अभी ये ऊर्जा कम स्तर पर ही बाहर आ पाई है। आगे भी पढ़िए यह भी पढ़ें - देहरादून: दहेज के दानव ने पत्नी को मार डाला, कोर्ट ने दी उम्रकैद..पिता ने कहा-इसे फांसी दो
रिसर्च से पता चला है कि उत्तराखंड का काफी बड़ा भूभाग 18 मिलीमीटर की दर से सिकुड़ रहा है। धरती के भीतर हो रही ये हलचल ऊर्जा के भंडार में तब्दील हो रही है, जो कि कभी भी बड़े भूकंप के तौर पर फट कर बाहर आ सकती है। ऐसा हुआ तो इस पूरे क्षेत्र में 7 से 8 रिक्टर स्केल का भूकंप आएगा, जिससे भारी तबाही मचेगी। कुमाऊं इलाके में आखिरी बड़ा भूकंप साल 1334 और 1505 में आ चुका है। तब से अब तक कोई बड़ा भूकंप नहीं आया। उत्तराखंड की धरती के भीतर लगातार तनाव की स्थिति बनी है, जो कि बड़े खतरे की ओर इशारा कर रही है। यहां कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। हाल ही में सिंगापुर में हुए एशिया ओशियन जियोसाइंस सोसायटी 2019 में भी इस विषय पर मंथन हुआ, दुनियाभर के वैज्ञानिकों ने चिंता जताई। वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान ने भी इस संबंध में अपनी रिपोर्ट शासन को दे दी है। वैज्ञानिकों ने पहाड़ी क्षेत्रों में खाद्य स्टोर के साथ-साथ दवाओं के भंडारण का सुझाव भी दिया है, ताकि लोग सुरक्षित रहें। भूकंप आने पर उन्हें जल्द से जल्द मदद मिल सके।