चमोली: बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) ...लाखों करोड़ो हिदुओं की आस्था का केंद्र हैं भगवान बदरी विशाल। हर साल बदरी विशाल के कपाट खुलते वक्त अनगिनत लोगों की भीड़ दिखती थी। कपाट खुलने से पहले गाड़ू घड़ा यात्रा होती थी. गाड़ू घड़ा यात्रा यानी तेल कलश यात्रा...कहा जाता है कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले गाड़ू घड़ा यात्राकी परंपरा सदियों से चली आ रही है। लेकिन इस बार आपको गाड़ू घड़ा यात्रा में न तो वो उत्साह दिखेगा और न ही और रंग। साथ ही ऐसा पहली बार हो रहा है, जब गाड़ू घड़ा यात्रा की तिथि बदली गई हो। जी हां श्री बदरीनाथ गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा की तिथि बदल दी गई है। अब 18 अप्रैल की जगह 24 अप्रैल को नरेन्द्र नगर राजदरबार तेल कलश यात्रा (गाड़ू घड़ा यात्रा) बदरीनाथ रवाना होगी। आपको बता दें कि ये यात्रा टिहरी राज दरबार से शुरू होती है लेकिन इस बार राज दरबार नरेन्द्र नगर द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए तिथि में बदलाव किया गया है। आगे पढ़िए
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड के इस प्राचीन मंदिर में टूटी 432 साल पुरानी परंपरा, आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ था
श्री बदरीनाथ गाडू घड़ा तेल कलश अब 18 अप्रैल की जगह 24 अप्रैल को राज दरबार नरेन्द्र नगर टिहरी गढ़वाल से सादगीपूर्ण रूप से सीधे बदरीनाथ धाम हेतु रवाना होगा। एक बार फिर से आपको बता दें कि पहले यह तिथि 18 अप्रैल निश्चित थी। राज्य समीक्षा की टीम ने इस बारे में चार धाम विकास परिषद के अपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद मंमगाई से बात की। उन्होंने बताया कि इस बार गाड़ू घड़ा यात्रा बेहद शांत तरीके से होगी। डिमरी परिवार के चार सदस्य ही गाड़ू घड़ा यात्रा में होंगे। डिमरी केन्द्रीय धार्मिक पंचायत के चार प्रतिनिधि 23 अप्रैल को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के ऋषिकेश स्थित चंद्रभागा विश्राम गृह पहुंच जायेंगे। 26 अप्रैल को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर डिम्मर में तेल कलश की पूजा अर्चना होगी। आगे पढ़िए
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में मई तक की सारी शादियां कैंसिल, पिछले साल तो रिकॉर्ड ही टूट गया था
नृसिंह मंदिर जोशीमठ, योग-ध्यान बदरी पांडुकेश्वर होते हुए 29 अप्रैल गाडू घड़ा बदरीनाथ (Badrinath Dham) पहुंचेगा। 30 अप्रैल को प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे।