उत्तराखंड उधमसिंह नगरUttarakhand farmer vikki kesar farming

उत्तराखंड का बेमिसाल किसान, सिर्फ 4 महीने में केसर की खेती से बन गया लखपति

महज तीन महीने में प्रचुर मात्रा में उगे केसर ने विक्की सिंह को लखपति बना दिया है और वह किसानों के लिए प्रेरणा भी बन गया है।

Udham Singh Nagar News: Uttarakhand farmer vikki kesar farming
Image: Uttarakhand farmer vikki kesar farming (Source: Social Media)

उधमसिंह नगर: उत्तराखंड के गांव में लोगों द्वारा कई प्रकार के फल और सब्जियां उगाई जाती हैं, मगर आज हम एक ऐसी चीज की खेती के बारे में बात करेंगे जिसकी बदौलत उधमसिंह नगर के गदरपुर जिले का निवासी विक्की सिंह लखपति बन गया है। चलिये उस फसल के बारे में भी जान ही लीजिए जिसकी खेती करके उत्तराखंड का एक सामान्य सा किसान बेहद धनी हो गया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं केसर की। उत्तराखंड में केसर की खेती शायद ही किसी ने सुनी होगी। केसर को दुनिया के सबसे महंगे पौधे के रूप में जाना जाता है। आपको लग रहा होगा कि यह पौधा बेहद ही कठिनाई से उगता है। मगर इस बात में जरा भी सत्यता नहीं है। यह पौधा कैसे उगता है आइये इससे पहले यह जानते हैं कि इसकी वजह से कैसे गदरपुर निवासी विक्की जो कि सामान्य सा किसान था, आज लाखों के फायदे में खेल रहा है। आगे पढ़िए

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ईटीवी की खबर के मुताबिक विक्की गदरपुर के सावगड़ गांव का निवासी है। पहले आप ये वीडियो देख लीजिए
वीडियो साभार-ईटीवी भारत

कुछ ही माह पूर्व वह राजस्थान से केसर का बीज लेकर आया और उसे अपने खेत मे उगाया। राज्स्थान के सीकर और जालौर में केसर की भरपूर खेती हो रही है। विक्की ने समझदारी दिखाई और केसर की उपयोगिता और इसके फायदों को समझते हुए राजस्थान से 100 ग्राम केसर के बीज खरीदे। उसने उन बीजों को घर के पास वाली कैनाल में लगाया और मात्र गोबर की खाद, दही, नीम के पत्ते और गौमूत्र का स्प्रे किया। तकरीबन 30 हजार रुपये खर्च करने के बाद मात्र 3 महीनों में ही 6 किलो केसर तैयार हो गया है। बता दें कि बाजार में इसकी कीमत तकरीबन 6 लाख बताई जा रही है। जबकि 2 किलो केसर के फूल अब भी बचे हुए हैं। क्या आप यह जानते हैं कि केसर की खेती करना बेहद आसान है। आगे पढ़िए

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केसर की खेती में थोड़ी सी इन्वेस्टमेंट में अधिक कमाई हो जाती है। इसकी कीमत लाखों में होती है जिसके कारण केसर की खेती उत्तराखंड की भूमि पर भी हो रही है और इसका पौधा बेहद ही आसानी से उग रहा है। विक्की की केसर की खेती देखकर गांव के निवासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। केसर की खेती करने वाले लोग विक्की सिंह के घर पर केसर देखने और उसकी जानकारी लेने पहुंच रहे हैं। कुल मिलाकर केसर की खेती बेहद फायदे का सौदा है। विक्की का कहना है कि उसे केसर उगाने में मात्र 3 महीने लगे। हर किसान को केसर का उत्पादन अधिक से अधिक करना चाहिए। विक्की से प्रेरणा लेकर अब इलाके के अन्य किसान भी केसर की खेती में रुचि ले रहे हैं।
हालांकि मैदानों में केसर हो सकता है या नहीं ? इसे लेकर चमोली जिले के पीपलकोटी के शोधकर्ता जगदम्बा प्रसाद मैठाणी का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है। शहरों में केसर की जगह कुसुम का पौधा उगाया जा रहा है, जो कि गलत है।