उत्तराखंड चमोलीCHAMOLI DISTRICT POLICE JAWAN GOOD WORK

कोरोना वॉरियर: चमोली जिले के इन पुलिसकर्मियों को सलाम, ड्यूटी के लिए टाल दी अपनी शादी

चमोली जिले के कई पुलिसकर्मी इस महीने शादी के पवित्र रिश्ते में बंधने वाले थे । लेकिनसभी ने अपनी-अपनी शादियों को स्थगित करने का निर्णय लेकर ड्यूटी के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्त्तव्य का उदाहरण दिया।

Coronavirus Uttarakhand: CHAMOLI DISTRICT POLICE JAWAN GOOD WORK
Image: CHAMOLI DISTRICT POLICE JAWAN GOOD WORK (Source: Social Media)

चमोली: विवाह का सुनहरा पल जीवन में एक ही बार आता है और सब चाहते हैं कि उनका विवाह बड़ी ही धूमधाम से सभी रीति-रिवाजों के साथ सगे-सम्बन्धियों के बीच में हो। राज्य के रक्षक यानी कि पुलिस विभाग के कई पुलिसकर्मी भी इस माह पवित्र बंधन में बंधने जा रहे थे मगर इस समय राज्य परिस्थितियां बहुत ही ज्यादा विकट हो रखी हैं। कोरोना नामक बादल राज्य पर मुसीबत बनके छा रखा है। ऐसे में राज्य के कई पुलिसकर्मी ऐसे हैं जो समाज के सामने मिसाल बनकर सामने आए हैं। राज्य में कई पुलिसकर्मी मौजूद हैं जिनकी शादी आजकल के दिनों में होनी तय हुई थी मगर उन्होंने अपनी खुशियों और पारिवारिक संबंधों को परे रखकर अपनी ड्यूटी को निभाने का फैसला किया है। उन्होंने यह साबित किया है कि उनके लिए देश प्रेम और राज्य प्रेम से बड़ा कुछ भी नहीं है। ड्यूटी सबसे पहले है और उसके बाद ही उनके लिए कुछ और आता है। राज्य के कई पुलिसकर्मियों ने अपने विवाह को स्थगित करने का निर्णय लिया है और समाज के सामने एक उदाहरण पेश किया है।

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थाना गैरसैंण में नियुक्त 2015 बैच के उप निरीक्षक जसपाल गोसाईं का विवाह 13 अप्रैल को होना तय था परंतु उनके द्वारा विवाह को स्थगित करा दिया गया। थाना कोतवाली कर्णप्रयाग में नियुक्त 2016 बैच की महिला कॉन्स्टेबल आरती और 2011 बैच की कॉन्स्टेबल कृष्णा भंडारी का विवाह 15 अप्रैल को होना तय हुआ था मगर दोनों ही पुलिस कर्मियों के द्वारा विवाह को स्थगित करा कर उन्होंने अपने कर्तव्य और ड्यूटी का पालन करने का निर्णय लिया। ठीक इसी प्रकार 2012 बैच की कॉन्स्टेबल महेंद्र रावत का विवाह भी 14 अप्रैल को निर्धारित था और 2012 बैच के ही कॉन्स्टेबल विजेंद्र सिंह रावत का विवाह 20 अप्रैल को होना था मगर उन दोनों पुलिसकर्मियों के द्वारा महामारी समाप्त होने के बाद ही विवाह करने का निर्णय लिया गया है। उक्त पुलिसकर्मियों ने यह साबित करदिया कि राज्य के ऊपर मुसीबत आने के बाद वे सदा ही उसकी ढाल बनकर खड़े हैं, भले ही उसके लिए उनको अपनी खुशियों को न्योछावर क्यों न करना पड़े।पुलिसकर्मियों द्वारा लिया गया यह निर्णय सब के द्वारा सराहा जा रहा है और सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी है।