उत्तराखंड ऋषिकेशCoronavirus Aiims Rishikesh urology department seal

उत्तराखंड से बड़ी खबर, कोरोना के चलते ऋषिकेश एम्स का यूरोलॉजी विभाग सील

स्वास्थ्यकर्मी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही एम्स और ऋषिकेश प्रशासन में हड़कंप मच गया। एम्स में यूरोलॉजी विभाग का पूरा परिसर सील कर दिया गया है। जिस नर्सिंग ऑफिसर में कोरोना संक्रमण मिला है, वो ओडिशा के रहने वाले हैं...

Coronavirus in Uttarakhand: Coronavirus Aiims Rishikesh urology department seal
Image: Coronavirus Aiims Rishikesh urology department seal (Source: Social Media)

ऋषिकेश: उत्तराखंड में कोरोना संकट लगातार गहराता जा रहा है। देहरादून जिले में स्थिति खराब है। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 28 हो गया है। पूरे प्रदेश में ये आंकड़ा 50 है। शनिवार तक कोरोना के ज्यादातर मामले देहरादून तक सिमटे थे, लेकिन अब ऋषिकेश में भी खतरा बढ़ रहा है। यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के यूरोलॉजी विभाग में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। स्वास्थ्यकर्मी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही एम्स और ऋषिकेश प्रशासन में हड़कंप मच गया। हिन्दुस्तान की खबर के मुताबिक ऋषिकेश एम्स में यूरोलॉजी विभाग का पूरा परिसर सील कर दिया गया है। जिस नर्सिंग ऑफिसर में कोरोना संक्रमण मिला है, वो ओडिशा के रहने वाले हैं। शनिवार को उन्हें गले में दर्द की शिकायत हुई। जिसके बाद उनका ब्लड सैंपल लिया गया। जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। जिसके बाद यूरोलॉजी विभाग के साथ-साथ 20 बीघा कॉलोनी क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया गया। वार्ड में नए मरीजो की भर्ती भी बंद कर दी गई है।

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ऋषिकेश में कोरोना संक्रमण का ये पहला मामला है। एम्स प्रशासन ने यूरोलॉजी विभाग में एडमिट सभी मरीजों और स्टाफ का ब्लड सैंपल लिया है। सभी की स्वास्थ्य जांच कराई जा रही है। कोरोना पीड़ित ऑफिसर 20 बीघा क्षेत्र में किराए के मकान में रहते हैं। एहतियातन ऋषिकेश में इस क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे में आने वाले सभी क्षेत्रों को प्रशासन ने सील कर दिया है। पीड़ित के घर के आस-पास रहने वाले परिवार और अन्य कर्मचारियों के सैंपल लिए जा रहे हैं। जिसके बाद सभी को होम क्वारेंटाइन किया जाएगा। माना जा रहा है कि नर्सिंग अधिकारी को यह बीमारी किसी एसिम्पटोमेटिक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क मे आने से हुई है। इस तरह के मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखते। नर्सिंग अधिकारी की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। वो पूरी अवधि के दौरान सिर्फ ड्यूटी के लिए अस्पताल आते रहे, अस्पताल में भी कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है, जिस वजह से प्रशासन के लिए ये केस बड़ी चुनौती बना हुआ है।