उत्तराखंड हरिद्वार3 corona patients discharged in Haridwar Uttarakhand

उत्तराखंड के इस रेड जोन जिले ने कायम की मिसाल, कोरोना को ऐसे दी मात

यहां कोरोना के 7 पॉजिटिव केस मिले थे। जिनमें से पांच मरीज ठीक हो चुके हैं। 3 मरीजों को घर भेज दिया गया है, जल्द ही दो और मरीजों को डिस्चार्ज किया जाएगा, इस तरह हरिद्वार कोरोना फ्री डिस्ट्रिक्ट बनने की राह पर आगे बढ़ चला है...

Coronavirus Uttarakhand: 3 corona patients discharged in Haridwar Uttarakhand
Image: 3 corona patients discharged in Haridwar Uttarakhand (Source: Social Media)

हरिद्वार: हरिद्वार जिला धीरे-धीरे कोरोना मुक्त होने की तरफ अग्रसर है। यहां मेला अस्पताल में भर्ती दो और कोरोना पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जल्द ही इन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। रविवार को कोरोना को मात देने वाले 3 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया था। अब यहां भर्ती दो और मरीज भी जल्द ही घर लौटने वाले हैं। इन्हें मेला अस्पताल से डिस्चार्ज करने की तैयारी चल रही है। इस तरह अब हरिद्वार में कोरोना के सिर्फ दो एक्टिव केस बचे हैं। बीते 4 अप्रैल से लेकर 18 अप्रैल के बीच हरिद्वार में कोरोना संक्रमण के 7 मामले आए थे। लगातार मिल रहे कोरोना संक्रमण केसेज के चलते हरिद्वार को उत्तराखंड के रेड जोन में शामिल किया गया है। यहां हॉट स्पॉट इलाके सील कर दिए गए। हजारों लोगों को क्वारेंटीन किया गया। इस सख्ती का पॉजिटिव असर भी दिख रहा है। हरिद्वार में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमती नजर आ रही है।

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रविवार को यहां मेला अस्पताल में भर्ती तीन लोगों को डिस्चार्ज किया गया। जिनमें पनियाला निवासी युवक के अलावा ज्वालापुर के पांवधोई और भगवानपुर के मानक मजरा निवासी दो लोग शामिल हैं। इनके अलावा दो और मरीजों की रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव आई है। इनमें मानक मजरा निवासी महिला और हाथरस का एक श्रमिक शामिल है। ये श्रमिक ऋषिकेश से हरिद्वार आया था और रुड़की के रिलीफ कैंप में रह रहा था। 18 अप्रैल को उसमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। दोनों मरीज अब ठीक हो चुके हैं। इन दोनों के डिस्चार्ज होने के बाद मेला अस्पताल में सिर्फ दो कोरोना पॉजिटिव मरीज रह जाएंगे। इनमें एक मरीज पांवधोई ज्वालापुर का रहने वाला है, जबकि दूसरा लक्सर के बहादरपुर खादर का रहने वाला है। इसके अलावा जो लोग संस्थागत क्वारेंटीन अवधि पूरी कर चुके हैं, उन्हें भी होम क्वारेंटीन और राहत केंद्रों में भेजा जा रहा है।