उत्तराखंड देहरादूनdehradun nehru colony suicide case

हे भगवान! देहरादून में मदर्स डे पर सूनी हुई मां की गोद..बेटे ने घर में ही की आत्महत्या

देहरादून के नेहरू कॉलोनी (dehradun nehru colony suicide case) में एक 15 वर्षीय स्कूल के छात्र ने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। उसकी मां ने उसे फोन पर गेम खेलने के लिए मना किया जिसके बाद गुस्से में आकर छात्र ने खुदकुशी कर दी।

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Image: dehradun nehru colony suicide case (Source: Social Media)

देहरादून: मदर्स डे..अर्थात माँ का दिन। वो दिन जब सभी बच्चे अपनी मां का शुक्रिया अदा करते हैं, उनको प्रेम दिखाते हैं, उनको स्पेशल महसूस कराते हैं। मां से बढ़कर इस दुनिया में है ही क्या? हर माँ चाहती है कि दुनिया में उनके बच्चे ऊंचे से उंचा मुकाम प्राप्त करें, हर खुशियां उनके हिस्से आए। मगर देहरादून की एक मां के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ऐसा दुख जिसकी हम कल्पना सपने में भी नहीं कर सकते हैं। मदर्स डे के दिन एक मां की गोद हमेशा-हमेशा के लिए सूनी पड़ गई। देहरादून से एक ऐसी घटना सामने आयी है जो आपके भी होश उड़ा देगी। कल मदर्स डे के दिन एक मां ने अपने 15 साल के बच्चे को हमेशा-हमेशा के लिए खो दिया। बच्चे को केवल इतना कहा गया कि मोबाइल कम इस्तेमाल करो और पढ़ाई पर ध्यान लगाओ.. जिसके बाद 15 वर्षीय लड़के ने पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी।प्राप्त जानकारी के 15 वर्षीय अश्मित यादव देहरादून के नेहरू कॉलोनी का निवासी था। अपने माता-पिता का इकलौता अश्मित हाईस्कूल में पढ़ता था। आगे पढ़िए

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दो दिन पहले अश्मित अपने कमरे में मोबाइल के अंदर गेम खेल रहा था। सभी परिजनों की तरह उसकी मां ने भी उसको समझाया कि वह पढ़ाई पर ध्यान से, फोन ज्यादा न चलाए। जीवन मे आगे चल कर पढ़ाई काम आएगी। मां ने हल्की सी डांट लगाते हुए बेटे से फोन ले लिया और हिदायत दे कर चली गईं। इस बात का अश्मित को इतना बुरा लगा कि उसने देर रात अपने कमरे में फांसी लगा कर अपनी जान दे दी। उसकी मां को अंदाजा भी नहीं था कि उनके बेटे को डांट इतनी बुरी लग जाएगी। बता दें जब अश्मित की मां अपने बेटे को देखने गईं तब उन्होंने अपने लाडले की लाश को पंखे से लटकते देखा जिसके बाद उनके होश उड़ गए और वह स्तब्ध रह गईं। पुलिस की पड़ताल में भी सामने आया है कि रात्रि में गेम खेलने से मना करने पर अश्मित को बेहद बुरा लग गया। इतना बुरा कि उसने अपनी जिंदगी खत्म करने को चुना। अश्मित अपने घर का इकलौता बच्चा था। उसके अलावा उसके मां-बाप का और कोई बच्चा नहीं था। अश्मित की मृत्यु के बाद से ही उसकी मां का रो-रोकर बुरा हाल है। वह यकीन ही नहीं कर पा रही हैं कि उनके 15 वर्षीय बच्चे ने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली है। घटना के बाद नेहरू कॉलोनी में भी शोक की लहर है।