उत्तराखंड रुद्रप्रयागUttarakhand will become herbal state

उत्तराखंड को आर्थिक पैकेज से तोहफा, 4000 करोड़ में हर्बल खेती बनेगी रोजगार का जरिया

हर्बल खेती प्रदेश को हर्बल स्टेट के तौर पर स्थापित करेगी, इससे किसानों को बड़ा फायदा होगा। हर्बल खेती से प्रदेश में रोजगार के अवसर मिलेंगे और आय भी बढ़ेगी...आगे पढ़िए पूरी खबर

Economic package Uttarakhand: Uttarakhand will become herbal state
Image: Uttarakhand will become herbal state (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड को हर्बल स्टेट के तौर पर विकसित करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। केंद्र सरकार के राहत पैकेज के ऐलान में हर्बल खेती पर विशेष ध्यान दिया गया है। हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर मिलेंगे और आय भी बढ़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वोकल फॉर लोकल की बात कहते हुए घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए लोकल प्रोडक्ट को बढ़ावा देना होगा। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में हर्बल पौधों की खेती की संभावनाओं पर काम कर रही है। राज्य सरकार की इन कोशिशों को केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज के बाद सफलता की गारंटी मिल गई है। हर्बल खेती प्रदेश को हर्बल स्टेट के तौर पर स्थापित करेगी, इससे किसानों को भी बड़ा फायदा होगा। उत्तराखंड के पहाड़ों में मिलने वाले हर्बल पौधों की डिमांड पूरी दुनिया में है। यहां हर्बल खेती की अपार संभावनाएं हैं।

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बात करें परंपरागत खेती की तो ये पहाड़ के किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है, क्योंकि जानवर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे लोग खेती से मुंह मोड़ रहे हैं। आपको बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसके तहत देशभर में हर्बल पौधों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ रुपए दिये गये हैं। राहत पैकेज का एलान करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गंगा किनारे 800 हेक्टेयर भूमि पर हर्बल खेती की जाएगी। इसके लिए विशेष कोरिडोर बनाने की बात भी कही। केंद्र की योजना के अनुसार देश के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हर्बल प्रोडक्ट की खेती की जाएगी। केंद्र के इस ऐलान के बाद प्रदेश के किसानों को 5,000 करोड़ रुपये की आय होगी। क्योंकि हर्बल कॉरिडोर गंगा किनारे विकसित करने की बात हो रही है, तो इससे उत्तराखंड को विशेष फायदा होगा। उत्तराखंड से बहने वाली गंगा किनारे तमाम ऐसी जगहें हैं, जहां हर्बल प्रोडक्ट की खेती की जा सकती है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने केंद्र के इस फैसले पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि हर्बल खेती लिए जो भी गाइडलाइन जारी की जाएगी, हम उसके अनुसार काम करेंगे।