उत्तराखंड पिथौरागढ़Benefits of bhangjeer uttarakhand

पहाड़ का भंगजीर...स्वाद और सेहद का जबरदस्त खजाना..जानिए इसके बेमिसाल फायदे

उत्तराखंड में उगने वाला और उपयोग में किया जाने वाला औषधीय गुणों से भरपूर भंगजीर मसाला आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। आइए इसके फायदे जानते हैं।

Benefits of bhangjeer uttarakhand: Benefits of bhangjeer uttarakhand
Image: Benefits of bhangjeer uttarakhand (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: उत्तराखंड जड़ी-बूटियों की खादान है। हर तरफ पसरी हरियाली के बीच ऐसे कई पेड़-पौधे हैं जो संजीवनी बूटी से कम नहीं। उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के खान-पान में कई बीमारियों को ध्वस्त करने की क्षमता रखने वाले पौधे और मसाले प्रचुर मात्रा मौजूद रहते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर तमाम पेड़-पौधों के बीच आज राज्य समीक्षा एक ऐसे मसाले के बारे में आपको बताने जा रहा है जो कि उत्तराखंड में प्रचुर मात्रा में उगता है। और तो और लोग बड़े चाव से इसकी चटनी बना कर खाते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं भंगजीर की। भंगजीर उत्तराखंड में उगने वाला एक ऐसा है मसाला है जिसमें कई तरह के औषधीय गुण मौजूद हैं। भंगजीर की अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में चटनी बना कर बड़े स्वाद से खाई जाती है। विज्ञान की भाषा में पैरिला नाम से प्रख्यात भंगजीर एक ऐसा औषधीय गुणों वाला मसाला है.आगे पढ़िए

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जिसके रोजाना सेवन से कई रोग जड़ से खत्म हो सकते हैं। आज राज्य समीक्षा आपको बताएगा कि कैसे भंगजीर आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है और इसके सेवन से आपके शरीर को कितना फायदा हो सकता है। भंगजीर के अंदर भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 पाया जाता है। दोनों फैट एसिड हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं और इनसे कई बीमारियां ठीक होती हैं। लंबे समय से चली आ रही बीमारियों से ग्रसित मरीजों को डॉक्टर्स ओमेगा-3 और ओमेगा-6 रिच फूड खाने की सलाह देते हैं। अचंभे की बात यह है कि दोनों ऐसे फैटी एसिड हैं जो आपके शरीर में नहीं निर्मित होते हैं। इसका अर्थ है कि आपको यह दोनों जरूरी चीजें अपने खान-पान से ही प्राप्त हो पाती हैं। ओमेगा-3 और ओमेगा-6 एसिड कॉड लिवर के अलावा समुद्री मछलियों में भी पाया जाता है।

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वैज्ञानिकों का यह दावा है कि भंगजीर में यह दोनों चीजें भरपूर मात्रा में पाई जाती हैं और भंगजीर का सेवन करना कॉड लिवर ऑयल या समुद्री मछलियों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और फायदेमंद है। वैज्ञानिकों का भी यही मानना है कि वसीय तेल से मनुष्य शरीर को भारी नुकसान पहुंच सकता है इसलिए भंगजीर का सेवन करना बेहतर शाकाहारी विकल्प है। यह अधिक पौष्टिक भी है और इससे शरीर को किसी भी प्रकार की नुकसान नहीं पहुंचता। इसी के साथ भंगजीर हृदय के रोग, हाई ब्लडप्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, डाइबिटीज इत्यादि को इत्यादि को कम करने में भी सहायक होता है। उत्तराखंड के पहाड़ों पर उगने वाला यह मसाला हर तरीके से समुद्री मछलियों और लिवर कॉड ऑयल से अधिक बेहतर और पौष्टिक है। इसलिए भंगजीर को अपनी खान-पान में जरूर सम्मलित करें और स्वस्थ्य जीवन की ओर पहला कदम बढ़ाएं।
फोटो साभार-नवेंदु रतूड़ी