नैनीताल: प्रवासियों की उत्तराखंड वापसी के बाद प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हुई है। आज प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण के 43 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 400 तक पहुंच गई है। इनमें से 64 मरीज ठीक हो चुके हैं। कोरोना संक्रमण के 200 से ज्यादा मामले प्रदेश के तीन जिलों में मिले हैं। जिनमें देहरादून, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल शामिल है। एक वक्त था जब कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले राजधानी देहरादून में मिल रहे थे, लेकिन अब दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से इस लिस्ट में नैनीताल जिला टॉप पर है। यहां कोरोना संक्रमण के 135 से ज्यादा मामले मिले हैं। देहरादून में 70 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जबकि ऊधमसिंहनगर में 50 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। इस तरह इन तीनों जिलों में कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। बात करें नैनीताल जिले की तो यहां श्रमिक एक्सप्रेस से लौटे प्रवासियों के चलते कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं।
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जिन लोगों में कोरोना संक्रमण मिला है वो सभी महाराष्ट्र से ट्रेन में सवार होकर हरिद्वार आए थे। बाद में यहां से बस के जरिए हल्द्वानी पहुंचाए गए। श्रमिक स्पेशल ट्रेन मुंबई से 20 मई को हरिद्वार पहुंची थी। अब आपको उत्तराखंड के तीन जिलों के कंटेनमेंट जोन के बारे में बताते हैं। देहरादून में दो इलाके कंटेनमेंट जोन में शामिल हैं। जिनमें पटेलनगर का गुरु रोड और ऋषिकेश की बैराज कॉलोनी शामिल है। हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा 13 कंटेनमेंट जोन हैं। यहां नगला इमारती, खत्ता खेड़ी, सती मोहल्ला, मातावाला मोहल्ला, मोहनपुरा का वॉर्ड नंबर 12, मुंडाखेड़ा कलां, दुर्गापुर, आदर्श नगर, डाबकी गांव, गोविंदपुर, हजरत बिलाल मोहल्ला, अंबेडकर कॉलोनी और रुड़की की ग्रीन पार्क कॉलोनी कंटेनमेंट जोन में शामिल है। ऊधमसिंहनगर में राजीवनगर का वार्ड नंबर 13, रायपुर गांव, गुड़लिया गांव और सिसाई गांव कंटेनमेंट जोन में शामिल किए गए हैं। इस तरह पूरे प्रदेश के तीन जिलों में 19 कंटेनमेंट जोन हैं। जिन इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, वहां नए कंटेनमेंट जोन चिह्नित किए जा रहे हैं। जो मरीज फेसेलिटी क्वारेंटीन में संक्रमित मिल रहे हैं, उन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया जा रहा है। कंटेनमेंट जोन में अग्रिम आदेश तक हर तरह की गतिविधियां बंद रहेंगी।