उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालGunanand jakhmola blog on satpal maharaj coronavirus

हैवीवेट महाराज के खिलाफ कौन करेगा कार्रवाई? आखिर हम कैसे कोरोना से जंग लड़ेंगे ?

सतपाल महाराज अपने बेटे और बालीवुड से आई बहू को लाॅकडाउन के दौरान घर में परेशान देख गांव घुमाने ले गये। पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला का ये लेख

Gunanand jakhmola: Gunanand jakhmola blog on satpal maharaj coronavirus
Image: Gunanand jakhmola blog on satpal maharaj coronavirus (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और उनके परिवार को कोरोना हो गया। उनके जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना है। लेकिन सवाल व्यवस्था को लेकर है कि आखिर हम कैसे कोरोना से जंग लड़ेंगे। जब हमारे हैवीवेट ही धाराशायी हो रहे हैं, घोर लापरवाही बरत रहे हैं। सतपाल महाराज अपने बेटे और बालीवुड से आई बहू को लाॅकडाउन के दौरान घर में परेशान देख गांव घुमाने ले गये। लेकिन भूल गये कि ग्रामीणों की जान को कोरोना का खतरा है। गांवों में बैठक की, राशन बांटा, मास्क बांटे, फूल मालाएं पहनी। सब कुछ लाॅकडाउन और क्वारंटीन का उल्लंघन। कौन पूछता कि दिल्ली और देहरादून से गांव आए हो तो क्वारंटीन रहो। किसकी हिम्मत थी। सो सभी परिजन गांव-गांव घूमे।
अब सुनो, चौबट्टाखाल के एसडीएम की बात। अमृता रावत को कोरोना की पुष्टि होने के बाद मैंने एसडीएम मनीष सिंह को फोन किया और पूछा कि क्या उन ग्रामीणों को क्वारंटीन किया जाएगा, जो महाराज के परिवार के संपर्क में आए। एसडीएम मासूम सी आवाज में बोले, अभी तक तो हमारे ध्यान में आया नहीं है। आप बता रहे हैं तो कर लेंगे क्वारंटीन। आप बता दीजिए कि कहां -कहां गये थे मंत्री जी और उनका परिवार। लो जी, ऐसे हैं हमारे एसडीएम साहब। मंत्री जी, आकर चले भी गये लेकिन उनको पता हीं नहीं। खैर, मैंने उन्हें कुछ जगहों के नाम गिना दिये। भगवान जाने अब क्या कर रहे होंगे एसडीएम। आगे भी पढ़िए

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आज सुबह मैं डीजीपी लाॅ एडं आर्डर अशोक कुमार को फोन किया और पूछा कि क्या सतपाल महाराज पर केस नहीं बनता? वो कहने लगे, कि यदि स्वास्थ्य विभाग हमें संस्तुति देगा तो ही हम केस करेंगे। यानी गेंद स्वास्थ्य विभाग के पाले में डाल दी गई।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सुबह ही क्वारंटीन नियमों को लेकर एक प्रेस नोट जारी कर दिया कि क्लोज कांटेक्ट वाले ही क्वारंटीन होंगे, सभी नहीं। अब पता नहीं कि 41 पेज वाली केंद्र की गाइडलाइन का कौन सा हिस्सा है जिसकी बात वो कर रहे हैं। मैंने कई बार उन्हें फोन मिलाया तो नहीं उठाया। बिजी होंगे शायद। इसके बाद मैंने अपर सचिव युगल किशोर पंत को फोन लगाया और अपने को तेज-तर्रार बनने की कोशिश की। पूछा, जो पत्रकार साथी कैबिनेट बैठक में मौजूद थे, क्या वो आइसोलेट हो जाएं। उन्होंने कहा, हां, यदि वो महाराज जी के क्लोज गये हों। फिर वही क्लोज। खैर मैंने अब असली सवाल दागा, क्या महाराज जी ने क्वारंटीन नियमों का उल्लंघन किया? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं आपके हर सवाल का जवाब नहीं दे सकता। अभी मिटिंग में हूं। सवाल उमड़ रहे हैं तो जान लो, हैवीवेट महाराज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। वो बेदाग हैं, बात खत्म।