उत्तराखंड नैनीतालUttarakhand kumaon regiment jawan yamuna prasad shaheed

उत्तराखंड में शोक की लहर..कुपवाड़ा में पहाड़ का सपूत शहीद

जवान यमुना प्रसाद की शहादत की खबर से पूरा पहाड़ शोक मे डूबा है। जवान यमुना पनेरू इस वक्त जम्मू-कश्मीर में पोस्टेड थे, जहां गुरुवार को एक ऑपरेशन दौरान वो शहीद हो गए...

Shaheed Yamuna Prasad Uttarakhand: Uttarakhand kumaon regiment jawan yamuna prasad shaheed
Image: Uttarakhand kumaon regiment jawan yamuna prasad shaheed (Source: Social Media)

नैनीताल: देश की सुरक्षा पर जब भी संकट के बादल मंडराए हैं, उत्तराखंड के जवान कभी पीछे नहीं हटे। शहादत की इसी परंपरा को को निभाते हुए नैनीताल के जांबाज सपूत यमुना पनेरू ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। उत्तराखंड का ये लाल जम्मू-कश्मीर मे एक ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गया। जवान यमुना प्रसाद की शहादत की खबर से पूरा पहाड़ शोक में डूबा है। जवान के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। जानकारी के मुताबिक कुपवाड़ा बर्फ से ढकी चोटियों पर वो अपनी टीम को रेस्क्यू कर रहे थे। इसी दौरान उनका पैर फिसला और वो खाई में गिर गए। इसके बाद उनके शहादत की खबर से हर कोई टूट गया। इस रेसेक्यू ऑपरेशन में उत्तराखंड के वीर सपूत यमुना प्रसाद शहीद हो गए।

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शहीद यमुना पनेरू नैनीताल जिले हल्द्वानी के गोरा पड़ाव के रहने वाले थे। वो कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे। गुरुवार को देर रात जवान की शहादत की खबर मिली। पनेरू 2002 में सेना में भर्ती हुए थे। 2012 में उन्होंने माउंट एवरेस्ट चोटी को फतह करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था। जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। मिली जानकारी के अनुसार यमुना प्रसाद पनेरू भारतीय सेना की 6 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे। इस वक्त उनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में थी। शहीद यमुना प्रसाद पनेरू का परिवार ओखलकांडा ब्लॉक के पदमपुर क्षेत्र में रहता है। जब से जवान की शहादत की खबर घर पहुंची है, पूरा क्षेत्र शोक में डूबा है। जवान यमुना पनेरू की शहादत पर लोगों को गर्व है, लेकिन उनके असमय चले जाने का गम लोगों को रुला भी रहा है।