देहरादून: उत्तराखँड में मेट्रो वाला सपना एक बार फिर से कुंलाचे भरने लगा है। बड़ी परियोजनाओं का काम रफ्तार पकड़ने लगा है। उत्तराखंड को मेट्रो प्रोजेक्ट से जोड़ने की कवायद भी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में उत्तराखंड मेट्रो रेल परियोजना के कांप्रेहेंसिव मोबिलिटी प्लान को मंजूरी दी गई। मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 11 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। चलिए अब आपको प्रोजेक्ट की खास बातें बताते हैं। यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की इस बैठक में हरिद्वार से ऋषिकेश और नेपाली फार्म से देहरादून तक मेट्रो लाइन बिछाने को हरी झंडी मिली है। परियोजना के पहले चरण में देहरादून में दो मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। दो कॉरिडोर की लंबाई करीब 24 किलोमीटर रखी गई है। इस पर करीब 3,372 करोड़ रुपये की लागत आएगी। साल 2022 तक पहले फेज का निर्माण पूरा हो जाएगा। आगे पढ़िए दूसरे फेज़ के बारे में
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दूसरे फेज में शेष परियोजना पर काम किया जाएगा। पहले फेज में आईएसबीटी-कंडोली-राजपुर रूट पर काम होगा। जिस पर लागत आएगी 1760 करोड़ रुपये। इसी तरह एफआरआई-रायपुर रूट पर भी पहले फेज में काम होगा। जिस पर 1612 करोड़ रुपये खर्च होंगे। दूसरे फेज में हरिद्वार-ऋषिकेश रूट पर काम होगा। जिस पर 4740 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा आईएसबीटी से नेपाली फार्म तक चलने वाले प्रोजेक्ट पर 5026 करोड़ रुपये की लागत आएगी। देहरादून शहर में रोपवे बिछाने को भी मंजूरी मिली है। हरिद्वार में पीआरटी लाइन भी बिछाई जाएगी। मेट्रो प्रोजेक्ट 2024 तक पूरा हो जाएगा। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि उत्तराखंड में मेट्रो परियोजना रफ्तार पकड़ रही है। देखना है कि लक्ष्य कब तक पूरा होता है।