उत्तराखंड चम्पावतWoman commits suicide due to depression champawat

पहाड़ से दुखद खबर..बीमारी से तंग आकर मां ने की खुदकुशी, हाल ही में शहर लौटा था बेटा

हंसा पिछले कई दिनों से बेटे को घर वापस बुला रही थी। मां की जिद के बाद बेटा घर आया भी था, लेकिन कंपनी की तरफ से बुलावा आने के बाद फिर वापस लौट गया। उस वक्त किसने सोचा था कि मां और बेटे की ये आखिरी मुलाकात होगी...

Champawat woman suicide: Woman commits suicide due to depression champawat
Image: Woman commits suicide due to depression champawat (Source: Social Media)

चम्पावत: क्या आप अक्सर उदास रहते हैं? बेवजह रोने का दिल करता है? जिंदगी बेमतलब सी लगती है? अगर इन सवालों का जवाब ‘हां’ है, तो इन लक्षणों को इग्नोर ना करें। हो सकता है कि आप भी डिप्रेशन के शिकार हों। कोरोना काल में डिप्रेशन के चलते खुदकुशी के मामले तेजी से बढ़े हैं। आर्थिक तंगी और बीमारी से जूझ रहे लोग जिंदगी की बजाय मौत को गले लगा रहे हैं। चंपावत जिले के टनकपुर में भी ऐसा ही हुआ। यहां एक महिला ने फांसी लगाकर जान दे दी। महिला की लाश आम के पेड़ पर लगे फंदे से लटकी मिली। घटना पूर्णागिरी मार्ग से लगे थ्वालखेड़ा गांव की है। जहां हंसा बोहरा नाम की महिला ने खुदकुशी कर ली। वो 53 साल की थी। सोमवार की रात हंसा बिना किसी से कुछ कहे घर से चली गई। सुबह महिला की लाश घर के पास लगे पेड़ पर साड़ी से बने फंदे पर लटकी मिली।

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हंसा की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। हंसा बोहरा के पति वन निगम में सेक्शन अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। बताया जा रहा है कि हंसा लंबे वक्त से बीमार थीं। उन्होंने 3 महीने तक लगातार इलाज कराया, लेकिन सेहत में सुधार नहीं हुआ। बीमारी की वजह से हंसा डिप्रेशन में रहने लगी और सोमवार को उसने आत्मघाती कदम उठा लिया। महिला का एक बेटा और एक बेटी है। लॉकडाउन के बाद से महिला का बेटा मुंबई में ही था। हंसा पिछले कई दिनों से बेटे को घर वापस बुला रही थीं। मां की जिद के बाद बेटा घर आया भी था, लेकिन कंपनी की तरफ से बुलावा आने के बाद फिर वापस लौट गया। उस वक्त किसने सोचा था कि मां और बेटे की ये आखिरी मुलाकात होगी।

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बेटे के जाते ही हंसा ने भी अपनी जिंदगी खत्म कर ली। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। मामले की जांच जारी है। कोरोना महामारी ने जब से दस्तक दी है, तब से आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़े हैं। काम-धंधे बंद होने की वजह से गांव लौट आए कई प्रवासी आत्मघाती कदम उठा चुके हैं। रोजगार खत्म होने के कारण लोग तनाव से जूझ रहे हैं। हमारी आपसे अपील है कि अगर इन दिनों आपके परिवार के किसी सदस्य में डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षण दिख रहे हों तो इन्हें अनदेखा ना करें। डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को अकेला ना छोड़ें। उनसे बाचतीच करते रहें। जरूरत पड़ने पर हेल्प लाइन और मेडिकल प्रोफेशनल की हेल्प लें।