देहरादून: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। स्थिति गंभीर है, लेकिन लोग अब भी ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व समझे हैं और ना ही क्वारेंटीन का। क्वारेंटीन नियमों का पालन ना करने वालों के खिलाफ प्रशासन लगातार कार्रवाई भी कर रहा है, लेकिन लोगों को ना तो नियमों की परवाह है और ना ही अपनी जान की। अब देहरादून में ही देख लें..एक न्यूज वेबसाइट की खबर के मुताबिक यहां क्वारेंटीन सेंटर ले जाते वक्त 7 लोग बस से कूदकर भाग निकले। इनमें से दो लोग किसी तरह दिल्ली पहुंच गए हैं। 5 लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस ने भागने वाले सभी सातों लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। वहीं इन यात्रियों का कहना है कि उन्हें नियमों के विरुद्ध क्वारेंटीन किया जा रहा था। लेकिन इस बारे में कई बातें ऐसी भी हैं, जिन पर गौर करना जरूरी है। आगे पढ़िए
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चलिए अब पूरा मामला बताते हैं। घटना सोमवार रात की है। रेलवे स्टेशन पहुंचे कुछ यात्रियों को प्रशासन की बस प्रेमनगर स्थित क्वारेंटीन सेंटर ले जा रही थी। इस बीच बस बल्लीवाला के पास रुकी। बस के रुकते ही उसमें से 7 लोग उतरकर भाग निकले। मामले की भनक लगते ही बस का ड्राइवर किसी तरह थाने पहुंचा और वसंत विहार थाने में तहरीर दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही पुलिस भागने वालों की तलाश में जुट गई। इसी बीच इन में से एक व्यक्ति खुद ही थाने पहुंच गया। जबकि कुछ को पुलिस ने पकड़ा। पकड़े गए लोगों में देव कुमार (43), मो. रफीक (22), अहमद मुस्तफा (23), फैजल खान (23) और जुनैद मुस्तफा (27) शामिल हैं। ज्यादातर लोग दिल्ली के रहने वाले हैं। एक युवक बिहार का रहने वाला बताया जा रहा है। दो युवक अब भी फरार हैं। आगे पढ़िए
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बताया जा रहा है कि फरार युवक दिल्ली पहुंच गए हैं। वहीं जब पुलिस ने इनके घरवालों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनके बच्चे सहस्त्रधारा में नहाने के लिए देहरादून गए हैं। इनमें से कुछ लोगों ने अपने नाम, पते और मोबाइल नंबर भी गलत दर्ज कराए थे। पुलिस ने सातों युवकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। प्रशासन दोषियों को बख्शने के मूड में नहीं है। वहीं भागने वाले लोगों का आरोप है कि उन्हें गलत तरीके से क्वारेंटीन किया जा रहा था। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि मामले के हर पहलू की जांच की जा रही है। अगर इन लोगों को गलत तरीके से क्वारेंटीन किया जा रहा था तो ये बात किसी अधिकारी-कर्मचारी को बताई जा सकती थी। क्वारेंटीन करने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की होती है। अगर मामले में किसी की गलती पाई गई तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।