उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालNeeti Rawat country first female sports commentator to feature in NBA panel

गढ़वाल की नीति रावत..देश की पहली महिला स्पोर्ट्स कमेंटेटर, जिसने NBA पैनल में बनाई जगह

नीति रावत देश की ऐसी एकलौती महिला हिंदी कमेंटेटर हैं, जिन्हें एनबीए के पैनल में जगह मिली। वो डीडी स्पोर्ट्स, सोनी ईएसपीएन, स्टार स्पोर्ट्स और ई-स्पोर्ट्स जैसे बड़े चैनल्स के लिए कमेंटरी कर चुकी हैं।

Neeti Rawat: Neeti Rawat country first female sports commentator to feature in NBA panel
Image: Neeti Rawat country first female sports commentator to feature in NBA panel (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: पहाड़ की जिंदगी आसान नहीं है, पर जिंदगी की यही मुश्किलें पहाड़ की बेटियों को मजबूत बनाती हैं, उन्हें हर क्षेत्र में संघर्ष कर आगे बढ़ने का हौसला देती हैं। आज राज्य समीक्षा आपके लिए एक ऐसी ही बेटी की कहानी लेकर आया है, जिसने जीवन में कभी हार नहीं मानीं। इनका नाम है नीति रावत। नीति रावत स्पोर्ट्स कमेंटेटर हैं। वो एनबीए की हिंदी कमेंट्री टीम की एकमात्र महिला सदस्य हैं। स्पोर्ट्स, कमेंट्री और हिंदी...ये तीनों ही ऐसे फील्ड हैं, जहां ऑप्शन कम हैं और चुनौतियां ज्यादा। लड़कियों को वैसे भी हर फील्ड में खुद को साबित करने के लिए पुरुषों से ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है। हम जब भी कमेंटरी सुनते हैं तो सिर्फ मेल वॉयस ही कानों तक पहुंचती है। किसी लड़की को हिंदी में स्पोर्ट्स पर कमेंटरी करते सुनना-देखना अब भी दर्शकों के लिए नया अनुभव है, और ये उत्तराखंड का गौरव है कि देश में पहली बार हिंदी में मल्टीपल गेम्स के लिए कमेंटरी करने का मौका पहाड़ की बेटी नीति रावत को मिला। हम नीति की उपलब्धियों की बात करें तो उनकी सफलता के सामने शब्द छोटे पड़ जाएंगे। अब आगे जानिए नीति रावत की कहानी

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पौड़ी गढ़वाल के सल्ट क्षेत्र में एक गांव है किनाथ। अपनी नीति इसी गांव की रहने वाली हैं। सालों पहले नीति का परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया था। नीति की पढ़ाई दिल्ली में हुई। दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। खेल नीति के लिए सिर्फ शौक नहीं बल्कि जुनून था। इसी जुनून ने उन्हें खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। खेलों में उनका सफर साल 1999 में शुरु हुआ। उन्होंने दिल्ली स्टेट टीम के लिए दस साल तक वॉलीबॉल खेला। इस दौरान उन्हें नेशनल गेम्स में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। नीति को खेलों की अच्छी समझ थी, इसलिए वो खेलों के क्षेत्र में ही कुछ करना चाहती थीं। ये मौका उन्हें साल 2007 में मिला। जब उन्हें रेडियो में स्पोर्ट्स कमेंट्री करने का ऑफर आया। इसके कुछ महीने बाद उन्होंने डीडी स्पोर्ट्स के लिए कमेंटरी की। नीति को जीवन का पहला बड़ा ब्रेक साल 2016 में मिला। जब उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स के लिए रियो ओलंपिक में कमेंटरी की। साल 2017 में उन्हें एनबीए से जुड़ने का मौका मिला। वो देश की ऐसी एकलौती महिला हिंदी कमेंटेटर हैं, जिन्हें एनबीए के पैनल में जगह मिली। वो डीडी स्पोर्ट्स, सोनी ईएसपीएन, स्टार स्पोर्ट्स और ई-स्पोर्ट्स जैसे बड़े चैनल्स के लिए कमेंटरी कर चुकी हैं। वो डीडी स्पोर्ट्स, सोनी ईएसपीएन, स्टार स्पोर्ट्स और D-स्पोर्ट्स जैसे बड़े चैनल्स के लिए कमेंटरी कर चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने ओलंपिक्स और एशियन गेम्स जैसे बड़े इवेंट्स कवर किए और वॉलीबॉल, कबड्डी, बैडमिंटन, एथलेटिक्स और स्वीमिंग जैसे खेलों की कमेंटरी की। आगे भी पढ़िए

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महिलाओं के लिए कमेंटरी में अवसर कम हैं, ऐसे में पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में जगह बनाने में नीति को भी काफी मुश्किलें आईं। नीति बताती हैं कि शुरू में थोड़ा मुश्किल लगता था। लोग हिंदी कमेंटरी को समझ ही नहीं पाते थे, ऐसे में डर था कि लोग किसी फीमेल कमेंटेटर की आवाज सुनना चाहेंगे भी या नहीं। लेकिन अब स्थिति काफी बदल चुकी है। सालों के संघर्ष के बाद अब मुझे महत्व मिलने लगा है, और ये बदलाव अच्छा लगता है। नीति रावत साल 2016 से अब तक देश के बेस्ट कमेंटेटर्स के साथ काम कर चुकी हैं। उत्तराखंड की बेटियों के लिए नीति ने खास संदेश भेजा है। वो कहती हैं कि पहाड़ की बेटियां संघर्ष के लिए जानी जाती हैं। पहाड़ की परिस्थितियां उन्हें मजबूत बनाती हैं, हर चुनौती पर जीत हासिल करने की सीख देती हैं। इसलिए मैं उत्तराखंड की बेटियों को स्पोर्ट्स के साथ-साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ते देखना चाहती हूं।