पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ में कुदरत का कहर जारी है। यहां मूसलाधार बारिश ने आपदाग्रस्त बंगापानी क्षेत्र में एक बार फिर तबाही मचाई। जिले में हर तरफ से तबाही की तस्वीरें आ रही हैं। बारिश का रौद्र रूप देखकर लोग सहमे हुए हैं। बंगापानी में पिछले कई दिनों से जारी बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। लोग बारिश थमने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ये इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा। मंगलवार को लगातार जारी बारिश के बाद बंगापानी क्षेत्र में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आ गया। मलबे से एक होटल दब गया। मलबे की शक्ल में आये सैलाब में एक बाइक बह गई। दो वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। बंगापानी के साथ-साथ लुम्ती गांव में भी भारी नुकसान हुआ है। लुम्ती गांव में कई मवेशी नदी में बह गए हैं। जिस तरफ नजर दौड़ाओ बस मलबा ही मलबा नजर आता है। केवल सड़कों ही नहीं, बल्कि घरों तक में मलबा भर गया है। बंगापानी में किस कदर तबाही मची है, इसका अंदाजा आप तस्वीरें देखकर लगा सकते हैं। लगातार आपदा झेल रहा पिथौरागढ़ जिला इन दिनों मौसम की मार से बेहाल है।
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यहां पिथौरागढ़-घाट सड़क तीन स्थानों पर मलबा आने से बंद है। टनकपुर-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे भी ब्लॉक है। चल्थी और आठवां मील क्षेत्र में सड़क पर मलबा आने से वाहनों की आवाजाही थमी हुई है। सड़क पर भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिरे हुए हैं। जिले में 20 से ज्यादा सड़कों में मलबा आया है। मानसून की शुरुआत के साथ पिथौरागढ़ में तबाही का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वो अब तक थमा नहीं है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित ये जिला दूसरे क्षेत्रों से अलग-थलग पड़ा है। प्रभावित क्षेत्रों तक राहत पहुंचाने में भी दिक्कतें आ रही हैं, क्योंकि गांव तक पहुंचने के लिए सड़कें ही नहीं बचीं। मंगलवार को धारचूला में भूस्खलन के दौरान एक महिला मलबे में दब गई थी। बंगापानी में भी भारी नुकसान हुआ है। कई जगह डरे हुए लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं। कुछ ग्रामीणों ने सरकारी स्कूल में पनाह ली हुई है, तो वहीं कई लोग खुले में प्लास्टिक का टैंट लगाकर दिन काटने को मजबूर हैं। सड़कें बंद होने की वजह से गांवों तक जरूरत का सामान नहीं पहुंच रहा। लोग रोड खुलने का इंतजार का रहे हैं।