उत्तराखंड हरिद्वारAction on schools forcibly collecting fees in Haridwar

उत्तराखंड: जबरन हो रही थी फीस वसूली..1 स्कूल की मान्यता रद्द, 2 स्कूलों पर 2 लाख जुर्माना

शिक्षा विभाग के नोटिस को इग्नोर करने वाले दो स्कूलों पर 1-1 लाख का जुर्माना लगाया गया है, जबकि एक स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई। आगे पढ़िए पूरी खबर

Haridwar News: Action on schools forcibly collecting fees in Haridwar
Image: Action on schools forcibly collecting fees in Haridwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: कोरोना संकट में प्रदेश सरकार के आदेशों के बावजूद कई निजी स्कूलों की ओर से अधिक फीस वसूली जा रही है, अभिभावकों पर फीस देने का दबाव बनाया जा रहा है। इस पर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। हरिद्वार में अभिभावकों से फीस वसूली करने वाले 3 स्कूल नप गए हैं। इनमें से दो स्कूलों पर 1-1 लाख का जुर्माना लगाया गया है, जबकि एक स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई। कोरोना काल में हर कोई परेशानी से गुजर रहा है। राज्य सरकार ने भी अभिभावकों की दिक्कतों को समझते हुए निजी स्कूलों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने को कहा है, लेकिन स्कूल संचालक मान नहीं रहे। हरिद्वार में शिक्षा विभाग को ऐसे कुछ स्कूलों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं।

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मुख्य शिक्षा अधिकारी ने इन स्कूलों से जवाब देने को कहा तो दो स्कूलों ने नोटिस को इग्नोर कर दिया। नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। इन दोनों स्कूलों पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने एक-एक लाख रुपये का फाइन लगाया है। इसके अलावा एक स्कूल की मान्यता समाप्त कर दी गई। 15 अन्य स्कूलों को भी फीस वसूली पर नोटिस भेजा गया है। ये जवाब देंगे तो शायद इन्हें बख्श दिया जाएगा, लेकिन शिक्षा विभाग के नोटिस को इग्नोर किया तो फाइन लगना तय है। आपको बता दें कि कोरोना काल में लोगों की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए सरकार ने पब्लिक स्कूलों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने को कहा था। इसमें भी ये नियम बनाया गया है कि निजी स्कूल फीस वसूली को लेकर अभिभावकों पर दबाव नहीं बना सकते, लेकिन इन नियमों का पालन कितना हो रहा ये आप भी जानते होंगे।

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हरिद्वार में मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. आनंद भारद्वाज को शिकायत मिली थी कि कुछ निजी स्कूल एसएमएस भेजकर अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं। शिकायतों पर तुरंत संज्ञान लिया गया और संबंधित स्कूलों को नोटिस भेजे गए। इनमें से कुछ स्कूल प्रबंधन ने फीस वसूली ना करने का आश्वासन लिखित में दिया है, लेकिन कुछ स्कूल ऐसे भी थे जिन्होंने नोटिस का जवाब ही नहीं दिया। ऐसे दो स्कूलों पर जुर्माना लगाया गया है, साथ ही एक स्कूल की मान्यता रद्द कर दी गई है। शिक्षा विभाग ने 15 पब्लिक स्कूलों को नोटिस भी जारी किए हैं। इसके अलावा निजी स्कूलों के शिक्षकों को सैलरी ना मिलने संबंधी 28 शिकायतें भी मुख्य शिक्षा अधिकारी को मिली थीं, जिनका निस्तारण कर दिया गया है।