उत्तराखंड देहरादूनPolice ASI in Dehradun accused of rape

देहरादून को ये किसकी नज़र लगी? पुलिस अफसर पर 11 साल की बच्ची से रेप का आरोप

एएसआई पर शौचालय में घुसकर 11 साल की मासूम संग दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। पीड़ित के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी एएसआई को गिरफ्तार कर लिया है। आगे पढ़िए पूरी खबर

Dehradun rape: Police ASI in Dehradun accused of rape
Image: Police ASI in Dehradun accused of rape (Source: Social Media)

देहरादून: ‘खाकी’ को जनता का रक्षक कहा जाता है, लेकिन जब ये रक्षक ही भक्षक बन जाए तो जनता मदद की उम्मीद किससे करे? देहरादून से जो खबर आ रही है, वो वास्तव में शर्मनाक है। यहां एक एएसआई ने उत्तराखंड पुलिस के दामन पर दाग लगा दिया। एएसआई पर शौचालय में घुसकर 11 साल की मासूम संग दुष्कर्म करने का आरोप लगा है। पीड़ित के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी एएसआई को गिरफ्तार कर लिया है। आईजी संचार ने आरोपी को निलंबित करने के आदेश भी जारी किए हैं। चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं। घटना शहर कोतवाली क्षेत्र की है। जहां आरोपी एएसआई संजीव परिवार समेत अपने ससुर के सरकारी मकान में रहता है। संजीव मूलरूप से उत्तरकाशी के बड़कोट का रहने वाला है। इन दिनों उसकी ड्यूटी कंट्रोल रूम 112 में लगी थी। पीड़ित बच्ची भी आरोपी के क्वार्टर के पास ही रहती है। पीड़ित की मां के अनुसार 23 अगस्त की दोपहर को बच्ची घर के पीछे बने टॉयलेट में गई हुई थी। जब बच्ची को वापस आने में काफी देर हो गई तो मां मौके पर पहुंची। इस दौरान टॉयलेट का दरवाजा अंदर से बंद मिला। आगे पढ़िए

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महिला के काफी देर तक दरवाजा पीटने के बाद पड़ोस में रहने वाला एएसआई अंदर से निकल कर बाहर भाग गया। मां ने टॉयलेट में झांका तो वहां 11 साल की मासूम बेहोश पड़ी थी। होश में आने पर बच्ची ने बताया कि पुलिसकर्मी ने उसके साथ दुष्कर्म किया है। ये सुनते ही परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। बाद में पीड़ित की मां थाने पहुंची और आरोपी एएसआई के खिलाफ केस दर्ज कराया। महिला ने आरोपी का नाम संजीव जगूड़ी बताया। सूचना मिलते ही पुलिस कप्तान के निर्देश पर सीओ सिटी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर आरोपी की तलाश शुरू की गई। कुछ देर बाद ही आरोपी पुलिसकर्मी को क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। आरोपी को संचार मुख्यालय ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं।