उत्तराखंड रुद्रप्रयागSearch for missing people started in Kedarnath disaster

केदारनाथ आपदा में लापता हुए 3200 लोगों की तलाश शुरू, 70 लोगों की 7 टीमें गठित

साल 2013 की केदारनाथ आपदा में हजारों लोग मारे गए थे। उस वक्त रेस्क्यू दलों ने चार हजार से ज्यादा शव बरामद किए गए थे, लेकिन तीन हजार से ज्यादा लोग आज तक लापता हैं।

Kedarnath disaster: Search for missing people started in Kedarnath disaster
Image: Search for missing people started in Kedarnath disaster (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा के घाव अब तक भरे नहीं हैं। ये उत्तराखंड में आई सबसे बड़ी आपदा थी। 16-17 जून को चौराबाड़ी झील से आए सैलाब ने सैकड़ों गांव तबाह कर दिए थे। हजारों लोगों की जान ले ली थी। पानी के साथ आए मलबे की चपेट में आकर साढ़े पांच हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जिन लोगों को अपने परिजनों के शव मिले, उन्होंने तो जैसे-तैसे दिल पर पत्थर रखकर इस सच को स्वीकार कर लिया, लेकिन 3200 लोग ऐसे भी हैं, जिनके स्टेट्स के आगे अब भी ‘लापता’ लिखा है। ये कहां गए, इनके साथ क्या हुआ। कोई कुछ नहीं जानता। इनकी तलाश के लिए अब रुद्रप्रयाग में फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। आगे आपको इस बारे में कुछ खास बातें बता रहे हैं, जरूर पढ़िए।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: ये DM कुछ खास है, दो गरीब छात्राओं के पढ़ाई के लिए किया नेक काम
हाईकोर्ट के आदेश के बाद केदारनाथ आपदा में लापता हुए लोगों के कंकालों की खोजबीन के लिए रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक ने बुधवार को दस टीमों को अलग-अलग रूटों के लिए रवाना किया। ताकि लापता लोगों के परिजनों को पता चल सके कि वह जिंदा हैं या मारे जा चुके हैं। सर्च अभियान में स्थानीय लोगों को भी शामिल किया गया है। आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने बताया कि अभियान के लिए 70 लोगों की दस टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें केदारनाथ पहुंचने के अलग-अलग रास्तों में सर्च अभियान चलाएंगी। टीमें वासुकीताल, केदारनाथ चौराहा बाड़ी, त्रिजुगीनारायण, कालीमठ, चौमासी खान, जंगल चट्टी और रामबाड़ा के ऊपरी क्षेत्रों में कैंप लगाकर 7 दिन तक खोज करेंगी। टीम में पुलिस, एसडीआरएफ और मजदूरों के साथ फॉर्मासिस्ट भी शामिल हैं

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की धमक, खेमे में शामिल हुए पूर्व बीजेपी नेता
खोजबीन के दौरान अगर कोई नर कंकाल मिलता है तो डीएनए लेने के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शुरुआती दौर में अभियान 7 दिन तक चलेगा, जरूरत पड़ी तो इसे आगे भी जारी रखा जा सकता है। अभियान की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। आपको बता दें कि साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा में साढ़े पांच हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जबकि करीब 3900 लोग लापता थे। इनकी तलाश के लिए क्षेत्र में कई बार अभियान चलाए गए हैं और अभी तक 699 कंकाल बरामद किए गए हैं। 3200 लोग अब भी लापता हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर इनकी तलाश के लिए केदारघाटी में एक बार फिर सर्च अभियान शुरू किया गया है।