पौड़ी गढ़वाल: पौड़ी गढ़वाल : आपने सुना होगा कि जब ग़रीब पर मुसीबत टूटती है तो बुरी तरह से टूटती है, उस मुसीबत से बचना मुश्किल हो जाता है, न सरकारी तंत्र साथ देता न जनप्रतिनिधि चारों और से रास्ते बंद हो जाते हैं। राज्य सरकार ने बिना ब्याज लोन की योजना चलाई है और कई किसानों व पशु पालकों ने लोन लेकर काम भी शुरू किया आमदनी किसी की बढ़ी तो किसी के लिए मुसीबत भी बढ़ी। आज हम आपको यमकेश्वर ब्लॉक के ग्राम डूँगा के निवासी बलदेव प्रसाद बडोला की कहानी से अवगत कराते हैं। इन्होंने अपनी इनकम बढ़ाने के लिए सहकारी समिति से बकरी पालन के लिए 1 लाख को लोन लिया, जिससे ये 8 बकरियां लाए। लेकिन भगवान को इनकी इनकम बढ़ना मंजूर नहीं था। बाघ ने इनकी 8 बकरियों को मार दिया, जिसमें से 7 का तो नामोनिशान भी नहीं मिला। एक का मिला तो वन विभाग के अधिकारियों ने इन्हें 3 हजार मुआवजा देने की बात कही। आगे पढ़िए
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अब बलदेव प्रसाद बडोला कहां से लोन चुकाए? बकरियां भी नही रही अब बलदेव प्रसाद बडोला का कहना है कि उसे सभी बकरियो का मुआवजा मिलना चाहिए। आपको एक बात और बता दें इस समय बकरी की कीमत 7 से 10 हजार के बीच है और वन विभाग का मुआवजा केवल 3 हजार। स्थानीय समाजसेवी विपिन पेटवाल का सीधे सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोई आज यमकेश्वर विधानसभा के अंदर खेती करने के लिए तैयार है नहीं। पशुपालक गाय पालने के लिए तैयार नहीं। किसान खेती करता है तो जंगली जानवर पूरा नष्ट कर देते हैं, पशुपालन करें तो उसके गाय को बाघ मार देता है। कभी बकरी की वजह से उन्हें बड़ा नुकसान झेलना पड़ता है। आज तक किसानों पशुपालकों कभी मुआवजा नहीं मिला और मुआवजा के नाम पर ठगा जाता है। उन्हें कागजों में उलझाया जाता है विपिन पेटवाल कि प्रशासन से मांग है कि भविष्य में इस तरह की दोबारा पशुपालन के साथ कोई बड़ी घटना नहीं हुई उससे पहले बाघ को पकड़ कर दूसरे स्थान पर ले जाएं। इसके अलावा पशुपालक को उचित मुआवजा मिले।