उत्तराखंड रुद्रप्रयागRudraprayag Gaurikund highway may be closed for 1 month

रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड जाने वाले ध्यान दें, हाईवे पर 1 महीना बंद रह सकती है सुरंग

गौरीकुंड में बनी ये सुरंग केदारघाटी को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से जोड़ती है। इसे बने हुए 60 साल हो चुके हैं, अब एनएच प्रशासन सुरंग का ट्रीटमेंट कराएगा। आगे पढ़िए पूरी खबर

Rudraprayag News: Rudraprayag Gaurikund highway may be closed for 1 month
Image: Rudraprayag Gaurikund highway may be closed for 1 month (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्री कृपया ध्यान दें। गौरीकुंड हाईवे पर बनी सुरंग एक महीने के लिए बंद रहेगी। इस दौरान हाईवे पर स्थित सुरंग का ट्रीटमेंट किया जाएगा। ट्रीटमेंट का काम एनएच को सौंपा गया है। जागरण की खबर के मुताबिक एनएच ने ट्रीटमेंट संबंधी कार्य के लिए प्रशासन से 45 दिन का समय मांगा है। इस दौरान गौरीकुंड हाईवे पर बनी सुरंग में वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी। गौरीकुंड हाईवे पर ट्रैफिक बाधित रहने पर रुद्रप्रयाग से केदारघाटी की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए क्या विकल्प है, ये भी बताते हैं। सुरंग के ट्रीटमेंट कार्य के दौरान केदारघाटी की तरफ जाने वाले वाहनों को जवाड़ी बाईपास से डायवर्ट किया जाएगा। इस संबंध में जिला प्रशासन और नेशनल हाईवे अधिकारियों के बीच एक दौर की बातचीत भी हो चुकी है। आगे पढ़िए

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केदारनाथ हाईवे पर गौरीकुंड के पास साल 1960 में सुरंग का निर्माण किया गया था। कई दशक पहले बनी ये सुरंग अब जर्जर हो चुकी है। लिहाजा एनएच प्रशासन ने इसके ट्रीटमेंट का फैसला लिया है। ट्रीटमेंट के काम में कम से कम 45 दिन लगेंगे। नेशनल हाईवे ने जिला प्रशासन से इसके लिए 45 दिन का समय मांगा है। गौरीकुंड में बनी ये सुरंग केदारघाटी को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से जोड़ती है। इसे बने हुए 60 साल हो चुके हैं। छह दशक पहले गौरीकुंड हाईवे पर संगम बाजार के पास 67 मीटर लंबी सुरंग बनाई गई थी। सुरंग की समय-समय पर मरम्मत की जानी थी, इसका रख-रखाव किया जाना था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जिस वजह से सुरंग जर्जर होती गई। देखभाल ना होने की वजह से सुरंग का ऊपरी हिस्सा अक्सर क्षतिग्रस्त होता रहता है। जिससे अनहोनी का अंदेशा बना रहता है।

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सुरंग दोनों छोर के कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुकी है। सुरंग पर लगाई गई सीमेंट की ईंट टूटकर नीचे गिर रही हैं। डामर भी पूरी तरह उखड़ चुकी है। सुरंग के अंदर गिरने वाले पत्थरों की वजह से लोग कई बार चोटिल हो चुके हैं। कई वाहनों को नुकसान भी पहुंचा है। अब सुरंग की दशा सुधारने की जिम्मेदारी एनएच प्रशासन ने ली है। सुरंग के ट्रीटमेंट के लिए एनएच ने 45 दिन का समय मांगा है। निरीक्षण के लिए भूगर्भ वैज्ञानिकों की टीम भी बुलाई गई है, ताकि समस्या का स्थाई समाधान हो सके। डीएम वंदना सिंह ने कहा कि सुरंग के ट्रीटमेंट को लेकर नेशनल हाईवे की डीपीआर को मंजूरी मिल चुकी है। वहीं एनएच अधिकारियों ने कहा की ट्रीटमेंट का कार्य शुरू करने के बारे में जल्द ही आखिरी फैसला लिया जाएगा। इस बारे में आगे जो भी अपडेट होगी, हम आप तक जरूर पहुंचाएंगे।