उत्तराखंड उत्तरकाशीLandslides on Yamunotri Walkway

उत्तराखंड: यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भूस्खलन, बाल बाल बचे लोग

हाल ही में बीते शनिवार को यमुनोत्री धाम के भंगेलीगाड़ में जबरदस्त भूस्खलन हुआ जिससे वह मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है।

Yamunotri landslide: Landslides on Yamunotri Walkway
Image: Landslides on Yamunotri Walkway (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: राज्य में मॉनसून ने विदा ले ली है मगर बिना बरसात के भी उत्तराखंड में भूस्खलन का सिलसिला अब भी जारी है। हम बात कर रहे हैं यमुनोत्री धाम की। यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग भंगेलीगाड़ के पास में एक बार फिर भूस्खलन सक्रीय होता दिखाई दे रहा है जो कि चिंताजनक बात है। ऐसा इसलिए क्योंकि यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं और वहां श्रध्दालुओं एवं धाम पुरोहितों की आवाजाही भी हो रही है। ऐसे में भूस्खलन होना बेहद चिंताजनक और खतरनाक है। हाल ही में बीते शनिवार को भंगेलीगाड़ में हुए जबरदस्त भूस्खलन से यात्रा कर रहे कई श्रद्धालु बाल-बाल बचे और एक बड़ी अनहोनी टल गई। भूस्खलन इतना जबरदस्त था कि भंगेलीगाड़ का रास्ता पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है। भूस्खलन का कारण अभी तक पता नहीं लग पाया है। पहाड़ी से गिर रही पत्थरों के कारण आवजाही के लिए बनाए गए वैकल्पिक मार्ग पर भी खतरा बढ़ गया है। बीते शनिवार की शाम को भूस्खलन के दौरान गंगोत्री में कई यात्री बाल-बाल बचे।

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स्थानीय लोगों का कहना है कि यमुनोत्री में अब आने वाले यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में भूस्खलन होना बड़े हादसे को न्योता देता है। बीते शनिवार को यमुनोत्री के अंतिम पड़ाव पर जानकीचट्टी से डेढ़ किलोमीटर दूर पैदल मार्ग पर यह भूस्खलन हुआ। इस दौरान वहां से कई श्रद्धालु और तीर्थपुरोहित गुजर रहे थे। भूस्खलन के दौरान धाम से लौट रही यात्रियों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। वहीं इतने जबरदस्त भूस्खलन के बाद यात्रियों के बीच हड़कंप मच गया है। हादसे के बाद से सभी यात्री बेहद डरे हुए हैं। बताया जा रहा है कि अभी भी पहाड़ी से रुक-रुक पर मलबा गिर रहा है। पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों से वैकल्पिक मार्ग पर भी आवाजाही में काफी खतरा बना हुआ है। किसी को नहीं पता कि कब पहाड़ों से पत्थर और मलबा भरभरा कर नीचे गिर जाएगा।

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बता दें कि पिछले 9 सितंबर को भी इस क्षेत्र में भारी भूस्खलन हुआ था जिसमें एक साधु की जान बाल-बाल बची थी। पहाड़ी से गिरते पत्थरों के कारण बीते 10 सितंबर को भी यह पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया था जिसके बाद जिला प्रशासन ने एक सप्ताह के लिए यात्रा स्थगित कर दी थी और फिर 350 मीटर लंबा वैकल्पिक मार्ग बना कर यात्रियों की आवाजाही शुरू कराई थी। वहीं चमोली से जोशीमठ के बीच बदरीनाथ हाईवे पर भी पहाड़ी दरकने से सात घंटे तक यातायात ठप रहा और दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इन दिनों बदरीनाथ हाईवे पर गुलाबकोटी में मार्ग को चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। सुबह के समय तकरीबन 7 बजे गुलाबकोटी में अचानक से पहाड़ दरकने लगा और भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा सड़क पर आ गिरा।