उत्तराखंड रुद्रप्रयागConstruction of 3 caves in Kedarnath

रुद्रप्रयाग: केदारपुरी में 27 लाख की लागत से 3 ध्यान गुफाओं का निर्माण, इसी महीने से एंट्री

साधकों की सुविधा के लिए केदारनाथ धाम से डेढ़ किलोमीटर दूर तीन नई ध्यान गुफाएं बनाई गई हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत इन गुफाओं को हर तरह से सुविधा संपन्न बनाया गया है।

Kedarnath Dham: Construction of 3 caves in Kedarnath
Image: Construction of 3 caves in Kedarnath (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में पर्यटन संबंधी परियोजनाओं का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। अनलॉक-5 में जिस रफ्तार से चारधाम आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उसी रफ्तार से यहां पर पर्यटन संबंधी योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम भी जारी है। इसी कड़ी में केदारनाथ धाम में डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित पहाड़ी पर साधकों की सुविधा के लिए तीन ध्यान गुफाएं बनाई गई हैं। गुफाएं लगभग बनकर तैयार हो गई हैं। अक्टूबर के आखिर से इन्हें ध्यान-साधना के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा। आपको याद होगा पिछले साल केदारनाथ धाम में स्थित ध्यान गुफा में पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के बाद साधना की थी। जिसके बाद गुफा में ध्यान लगाने के लिए सिर्फ देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे। गुफा में साधना के लिए पर्यटकों में जिस कदर उत्साह नजर आया, उसने डीडीएमए को यहां पर और ध्यान गुफाएं बनाने की प्रेरणा दी। अब यहां तीन गुफाएं और बनाई गई हैं। आगे पढ़िए

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धाम में एक ध्यान गुफा पहले से ही तैयार है, ये वही गुफा है। जिसमें 18 मई साल 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ध्यान लगाया था। तीन नई गुफाएं बनने के बाद केदारपुरी में स्थित ध्यान गुफाओं की संख्या बढ़कर चार हो गई है। इन गुफाओं में यात्रियों की सुविधा का हर इंतजाम है। समुद्रतल से 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इन प्राकृतिक गुफाओं को पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत हर तरह से सुविधा संपन्न बनाया गया है। ये गुफाएं क्योंकि अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं, इसलिए यहां रुकने के लिए सिर्फ उन्हीं लोगों को अनुमति दी जा सकती है, जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत ना हो। गुफाओं के निर्माण में 27 लाख रुपये की लागत आई। जिला निर्माण आपदा प्रबंधन प्राधिकरण यानी डीडीएमए की लोनिवि शाखा ने इनका निर्माण कराया है। यहां यात्री ध्यान साधना के साथ ही रात्रि विश्राम भी कर सकते हैं। गुफाओं के संचालन का जिम्मा गढ़वाल मंडल विकास निगम को सौंपा गया है। गुफा के अंदर रहने वाले साधक को जीएमवीएन की तरफ से खाने और रहने संबंधी हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी।