उत्तराखंड टिहरी गढ़वालTehri Garhwal Father saves son from Leopard

गढ़वाल: बेटे की खातिर गुलदार से भिड़ गया बहादुर पिता, हिम्मत से दिया आदमखोर को जवाब

बेटे की जान खतरे में देख पिता बिना देरी किए गुलदार से भिड़ गया। इस तरह पिता की हिम्मत ने बच्चे की जान तो बचा ली, लेकिन वो घायल है। आगे पढ़िए पूरी खबर

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Image: Tehri Garhwal Father saves son from Leopard (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड में गुलदार अब बच्चों की जान की आफत बन चुके हैं। पहाड़ के हर क्षेत्र में बच्चों पर गुलदार के हमले की घटनाएं हो रही हैं। ताजा मामला टिहरी गढ़वाल के घनसाली क्षेत्र का है। जहां आंगन में पिता के साथ बैठे 12 साल के बच्चे पर गुलदार झपट पड़ा। तभी पास बैठे पिता ने हिम्मत दिखाते हुए लकड़ी के लट्ठे से गुलदार पर ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए। जिसके बाद गुलदार बच्चे को छोड़कर भाग गया। इस तरह पिता की हिम्मत ने बच्चे की जान तो बचा ली, लेकिन वो घायल है। गुलदार के हमले में बच्चे के हाथ, पीठ और पैरों में चोट आई है। घटना के बाद गांव के लोग डरे हुए हैं। घटना भिलंगना ब्लॉक के पट्टी हिंदाव के भोड़ गांव की है। जहां सोमवार शाम दीवान सिंह का 12 साल का बेटा गौरव अपने पिता के साथ आंगन में बैठकर आग सेंक रहा था। तभी घात लगाए गुलदार ने बच्चे पर झपट्टा मार दिया। बच्चे की चीख सुन पिता दीवान सिंह शोर मचाते हुए गुलदार की तरफ दौड़ पड़े और बच्चे को बचाने के लिए गुलदार से जूझने लगे। आगे पढ़िए

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पिता दीवान सिंह ने पास में पड़ी लकड़ी उठाई और गुलदार को भगाने की कोशिश करने लगे। पिता का साहस देख गुलदार को भी उल्टे पांव भागना पड़ा। बाद में शोर सुनकर आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले गए। गुलदार के हमले में बच्चे के हाथ, पैरों और पीठ पर चोट आई है। हमले में घायल बच्चे को परिजन रात को ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी ले गए थे। जहां उपचार देने के बाद बच्चे को घर भेज दिया गया। क्षेत्र में गुलदार की बढ़ती धमक से ग्रामीण डरे हुए हैं। गांव की प्रधान सुरेखा देवी ने वन विभाग से गांव में गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की मांग की। वहीं वन अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीणों की मांग पर क्षेत्र में पिंजरा लगाया जा रहा है। गांव में वन विभाग की टीम को भी तैनात कर दिया गया है।