उत्तराखंड पिथौरागढ़Road reached the last post of Uttarakhand China border

उत्तराखंड: चीन बॉर्डर की आखिरी चौकी तक पहुंची रोड, सेना को मिली ताकत..जानिए खास बातें

चीन बॉर्डर पर स्थित मिलम और रेलकोट चौकियां सड़क सेवा से जुड़ गईं। यहां गाड़ियां चलने लगी हैं। अब जवानों को बॉर्डर तक पहुंचने के लिए पैदल नहीं चलना पड़ेगा। आगे पढ़िए पूरी खबर

Uttarakhand China Border: Road reached the last post of Uttarakhand China border
Image: Road reached the last post of Uttarakhand China border (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव कम नहीं हो रहा। चीन की बौखलाहट के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चीन से लगती सीमा पर सड़कों के निर्माण का काम तेज कर दिया है। बात करें उत्तराखंड की तो यहां भी ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने के इंतजाम किए जा रहे हैं। भारत सीमावर्ती इलाकों में सड़कें और आधारभूत सुविधाओं को बढ़ा रहा है। इस बीच भारत ने एक अहम सफलता हासिल की है। पिथौरागढ़ में चीन सीमा की अंतिम चौकी तक गाड़ियां पहुंचने लगी हैं। अब सेना के जवानों को अंतिम चौकी तक पहुंचने के लिए पैदल नहीं चलना पड़ेगा। रोड बनने से अंतिम चौकी तक रसद और सड़क निर्माण से जुड़ी सामग्री पहुंचाने में मदद मिलेगी। उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित बिल्जू, मिलम, मरतोली, बुर्फू, टोला, गनघर और पांछू सहित 13 गांवों के लोगों को भी माइग्रेशन के दौरान राहत मिलेगी

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मुनस्यारी में मिलम और रेलकोट में भारतीय सेना की अंतिम स्थायी चौकी हैं। जो कि अब सड़क सेवा से जुड़ गई हैं। हालांकि अभी मुनस्यारी का रेलकोट से जुड़ना बाकी है। इसके लिए सड़क का निर्माण कार्य जारी है। मुनस्यारी को रेलकोट से जोड़ने के लिए 24 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी। इस रोड के बनने से चीन बॉर्डर पर सेना की पहुंच आसान बनेगी। वाहन मुनस्यारी से सीधे मिलम तक जा सकेंगे। सड़क निर्माण का काम बीआरओ करा रहा है। फिलहाल यहां हेलीकॉप्टर से पांच वाहन उतारकर चीन सीमा की आखिरी चौकी तक गाड़ियों की आवाजाही शुरू करा दी गई है। रेलकोट और मिलम को जोड़ने वाली सड़क 18 किलोमीटर लंबी है। जिस पर गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई है। मिलम और रेलकोट के बीच आईटीबीपी एवं बीआरओ के जिप्सी और ट्रक सहित पांच वाहनों का संचालन किया जा रहा है।

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चलिए अब आपको पिथौरागढ़ में चीन सीमा पर चल रहे रोड प्रोजेक्ट के बारे में बताते हैं..प्रोजेक्ट के तहत मुनस्यारी-मिलम के बीच 61 किमी लंबी सड़क का निर्माण होना है। बीआरओ साल 2008 से प्रोजेक्ट के काम में जुटा है। मुनस्यारी से माल्छू तक 19 किमी लंबी रोड बन चुकी है। 24 किमी हिस्से का काम अभी चल रहा है। बीआरओ की कोशिश थी कि जल्द से जल्द अंतिम स्थायी चौकी तक रोड पहुंचा दी जाए। रेलकोट चौकी को रोड से जोड़ने की कवायद जारी थी। अब बीआरओ ने 18 किमी के इस हिस्से का निर्माण पूरा कर लिया है। बीते गुरुवार को बीआरओ ने मिलम और रेलकोट के बीच सेना के वाहनों की आवाजाही शुरू कराई। इस सड़क के बनने से चीन सीमा पर स्थित सेना की चौकियों में आवाजाही सुगम हो जाएगी। सीमा सुरक्षा के लिहाज से भी ये रोड बेहद अहम साबित होगी।