उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालBear attacked woman in Pauri Garhwal

गढ़वाल: बुजुर्ग चाची को बचाने के लिए खूंखार भालू से लड़ी भतीजी..दंराती से मार-मारकर भगाया

कोटद्वार में जंगल में घास लेने गई 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला के ऊपर एक जंगली भालू ने जानलेवा हमला कर दिया। मौके पर मौजूद उसकी भतीजी ने हिम्मत से काम लेते हुए भालू के ऊपर दरांती से वार करना शुरू किया जिसके बाद भालू मौके से भाग निकला। आगे पढ़िए पूरी खबर-

Pauri Garhwal News: Bear attacked woman in Pauri Garhwal
Image: Bear attacked woman in Pauri Garhwal (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: पहाड़ों के ऊपर कई समय से कोरोना से भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। जंगली जानवरों का खौफ लोगों के बीचों-बीच पसरा हुआ है। मानव एवं वन्य जीव संघर्ष लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कई बेगुनाह अपनी जान गंवा चुके हैं। गुलदार से लेकर जंगली भालू तक हर कोई इस समय खतरे का सबब बना हुआ है। राज्य के अधिकांश पहाड़ी इलाकों में तो लोग घर से बाहर अकेले जाने से डर रहे हैं और अंधेरा होते ही लोग अपने घरों में दुबक जाते हैं। कारण है जंगली जानवरों का भय। जंगली जानवर भी बेखौफ राज्य के ग्रामीण इलाकों में खुलेआम घूम रहे हैं जिस कारण लोगों की जान के ऊपर भी रिस्क काफी बढ़ गया है। दिन-दहाड़े भी जानवर लोगों के ऊपर हमला करने की फिराक में रहते हैं। उत्तराखंड के कोटद्वार में भी कुछ ऐसा ही हुआ। जंगली जानवर के हमला करने की ताजी घटना कोटद्वार से सामने आई है, जहां पर एक घास लेने गई 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला के ऊपर एक जंगली भालू ने हमला कर दिया। वो तो मौके पर मौजूद उसकी भतीजी ने हिम्मत से काम लिया और बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए भालू के ऊपर दरांती से वार करना शुरू किया जिसके बाद भालू मौके से भाग निकला। आगे पढ़िए

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घटना कोटद्वार के प्रखंड पोखरा की बताई जा रही है। गंभीर रूप से घायल महिला को कोटद्वार के बेस चिकित्सालय में भर्ती किया है, जहां पर उनका इलाज चल रहा है। महिला को काफी चोट लगी है मगर अब वे खतरे से बाहर बताई जा रही हैं। चलिए अब आपको पूरी घटना से अवगत कराते हैं। प्रखंड पोखरा के गांव ड्वीला तल्ला निवासी सरोजनी देवी हाल ही में बीते मंगलवार को अपनी भतीजी के साथ गांव से कुछ दूर जंगल में घास लेने गई थी। तभी वहां पर अचानक जंगली भालू आ धमका और उसने सरोजनी देवी के ऊपर हमला कर दिया जिसके बाद उसके साथ मौजूद उसकी भतीजी भी बेहद डर गई। मगर उसने हिम्मत नहीं खोई और अपनी बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए भालू के ऊपर दरांती से वार करना शुरू कर दिया। अपनी भतीजी को भालू से संघर्ष करता देख सरोजनी देवी के अंदर भी हिम्मत आ गई और उन्होंने भी भालू के ऊपर दरांती से वार करना शुरू कर दिया। लगातार हमले से भालू मौके पर भाग निकला। वहीं जंगल में मौजूद अन्य महिलाएं घायल सरोजनी देवी को लेकर घर पहुंचीं और उसके बाद उनके परिजनों उनको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकर पहुंचे जहां प्राथमिक उपचार के बाद उनको कोटद्वार रेफर कर दिया गया है। बीती रात उन्हें कोटद्वार भर्ती कराया गया जहां उनका उपचार चल रहा है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई है।