उत्तराखंड देहरादूनWhether or not student union elections will be held in Uttarakhand this year

...तो उत्तराखंड में इस साल नहीं होंगे छात्रसंघ चुनाव, जानिए क्या है मामला

इस साल डिग्री कॉलेज विश्वविद्यालय कैंपस में छात्र संघ गठित होने के आसार नहीं है। दरअसल मौजूदा शैक्षिक सत्र का 4 महीने का वक्त निकल चुका है।

Uttarakhand students union elections: Whether or not student union elections will be held in Uttarakhand this year
Image: Whether or not student union elections will be held in Uttarakhand this year (Source: Social Media)

देहरादून: तो सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या उत्तराखंड में इस साल छात्र संघ चुनाव नहीं होंगे? इस बात के आसार लगाए जा रहे हैं कि इस साल डिग्री कॉलेज विश्वविद्यालय कैंपस में छात्र संघ गठित होने के आसार नहीं है। दरअसल मौजूदा शैक्षिक सत्र का 4 महीने का वक्त निकल चुका है। कॉलेजों में अभी तक छात्रों की आवाजाही शुरू नहीं हुई है। ऐसे में दून विश्वविद्यालय को छोड़कर कोई भी विश्वविद्यालय इलेक्शन के मूड में नजर नहीं आ रहा। आमतौर पर यह देखा जाता है कि जुलाई में नई सेशन के लिए कॉलेज खोलते हैं और इसके साथ ही कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव की रंगत शुरू हो जाती है। लिंगदोह समिति की सिफारिशें कहती है कि हर साल सितंबर के दूसरे हफ्ते तक छात्र संघ चुनाव कराए जाने चाहिए। लेकिन इस साल कोरोनावायरस और लॉकडाउन की वजह से ऐसा संभव नहीं हो सका। साथ ही विश्वविद्यालय के स्तर पर आगे भी चुनाव के किसी तरह की तैयारियां नजर नहीं आ रही है। आगे पढ़ि

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श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलसचिव दिनेश चंद्रा का कहना है कि अभी कॉलेजों में एडमिशन ही पूरे नहीं हो पाए हैं ऐसे में चुनाव की संभावना मुश्किल है। हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर रूप किशोर शास्त्री का कहना है कि छात्र संघ चुनाव पर कॉलेज खुलने के बाद ही कोई फैसला होगा जाहिर सी बात है कि जब तक केंद्र छात्र संघ चुनाव के लिए अनुमति नहीं आती तब तक ऐसा संभव नहीं.. उत्तराखंड के बड़े कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में लगभग कमोबेश यही हाल है। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी का कहना है कि जब तक कक्षाएं सही ढंग से शुरू नहीं हुई तो चुनाव कैसे होंगे? कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति का भी यही कहना है उनका कहना है कि चुनाव के बारे में और कॉलेजों से सुझाव मांगे गए हैं। इस पर अंतिम निर्णय प्राप्त दिशा निर्देशों के मुताबिक होगा।