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उत्तराखंड की बेटी किरन नेगी के साथ क्या हुआ था? 9 फरवरी का वो काला दिन...जानिए पूरा सच

किरण नेगी का मामला जो बहुत पहले सुन लिया जाना चाहिए था, जिस पर आज तक प्रशासन मौन रहा। पढ़िए वो पूरी कहानी

Kiran Negi Gang Rape: Information about Kiran Negi
Image: Information about Kiran Negi (Source: Social Media)

देहरादून: वो ऐसा वीभत्स गैंगरेप था, जिसके बारे में कल्पना करने से ही रूह कांप उठती है। कैसे? क्यों? उस बेटी के साथ ऐसी दरिंदगी की गई? इतना समझ लीजिए कि वो कोई सामान्य घटना नहीं थी। एक मिडिल क्लास घर की लड़की, जो ऑफिस जाती थी और अपनी जिंदगी को संवारने के सपने देखती थी। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, पिता सेक्योरिटी गार्ड थे। इसलिए किरन सोचती थी कि जल्द से जल्द एक घर खरीदना है और अपने पूरे परिवार के साथ हंसी खुशी रहना है। वो घर आते ही जोर से कहती थी..मां मैं आ गई। उस आवाज को याद करते हुए आज भी किरन की मां की आंखें भर आती हैं। 9 फरवरी 2012 का वो काला दिन आज भी जख्मों को कुरेदता है। किरण अपने ऑफिस से घर आ रही थी कि तभी गुड़गांव में एक लाल इंडिका में उसका अपहरण कर लिया गया। आगे पढ़िए

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इसके बाद हरियाणा ले जाकर उन दरिंदों ने उसका तीन दिन तक रेप किया। फिर अंत में उसे सरसों के खेत में मरने के लिए छोड़ दिया। कल्पना करिए जिन दरिंदों ने उसके नाजुक अंगो में शराब की बोतल डाल दी हो, आँखों को तेजाब से जला दिया हो, जिसका शरीर खौलते पानी से दागा गया हो..ऐसे दरिंदों की सजा क्या होनी चाहिए? किरण के पिता बताते हैं कि अपनी बेटी के लिए न्याय माँगने वो शीला दीक्षित के पास तक गए थे, मगर उन्हें ये कह दिया गया कि इस तरह की घटनाएँ होती रहती हैं। अब 9 साल होने वाले हैं। परिवार को आज तक इंसाफ की दरकार है। साल 2014 में उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि तीनों दोषियों को फाँसी की सजा दी जाए। लेकिन बाद में ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुँच कर लटक गया। अब जानते हैं क्या स्थिति है? अब स्थिति ये है कि परिवार को यहाँ तक नहीं पता कि कोर्ट की अगली तारीख क्या है और उनके वकील का नाम क्या है। माँग के नाम पर बस वह इतना चाहते हैं कि उनकी बेटी के साथ दरिंदगी करने वालों को फाँसी हो।