उत्तराखंड टिहरी गढ़वालRakhi of tehri garhwal

गढ़वाली नथ, पहाड़ी टोपी वाले चैलेंज से बाहर निकलिए..पहाड़ के असली चैलेंज के आगे हार गई राखी

ये वक्त टोपी चैलेंज का नहीं, टोपी पहनाने वालों को चैलेंज करने का है। शिवानी पांडेय की फेसबुक वॉल से साभार

Tehri Garhwal News: Rakhi of tehri garhwal
Image: Rakhi of tehri garhwal (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: ये 23 साल की राखी है टिहरी गढ़वाल में ससुराल था और रुद्रप्रयाग में मायका। बीते दिनों जब सोशल मीडिया में पहाड़ी टोपी और नथ का चैलेंज चल रहा था तब राखी पहाड़ के असल चैलेंज से चेलेंज ले रही थी और हार गई पहाड़ के इस असली चैलेंज से।
प्रसव पीड़ा हुई तो घर वाले अस्पताल ले गए। 5 दिन तक लेबर पेन के बावजूद डॉक्टर सामान्य हालत बताते रहे। 11 से 15 दिसम्बर तक लेबर पेन रहा और जब 15 दिसम्बर को बच्चे ने जन्म लिया तो राखी की हालत और खराब हो गयी। तब जाकर आनन फानन में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रेफर किया। और श्रीनगर पहुँचने से पहले ही राखी अपने चैलेंज में हार गई।
ये कोई पहली और आखिरी राखी नहीं है, जो खराब खस्ता हाल अस्पतालों की भेंट चढ़ी। इसके बाद भी पहाड़ी नथ वालियाँ रेफर सेंटरों की भेंट चढ़ती रहेंगी।
क्योंकि हमें पहाड़ को टोपी और नथ के अलावा समझा ही नहीं। अगर समझा होता तो पता होता कि पहाड़ में नथ और टोपी नही अच्छे अस्पताल न होना चैलेंज है।
इन 20 सालों में सरकारों ने जितनी टोपियाँ नही पहनाई लोगों ने उस से ज्यादा खुद पहन रखी है। ये वक्त टोपी चैलेंज का नहीं, टोपी पहनाने वालों को चैलेंज करने का है।
शिवानी पांडेय की फेसबुक वॉल से साभार
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